विदिशा, 19 जून (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश में अब सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाना मुसीबत का सबब बनने लगा है। विदिशा जिले के 11वीं कक्षा के एक छात्र ने वाट्सएप पर मंदसौर गोलीकांड का मैसेज क्या आगे बढ़ाया, पुलिस उसके पीछे पड़ गई।
पुलिस ने किशोर को हिरासत में ले लिया और उससे लंबी पूछताछ की। इसके बाद उसे एक थाने से दूसरे थाने ले जाया गया, जैसे वह कोई बड़ा अपराधी हो।
गंजबासौदा के विधायक निशंक जैन ने सोमवार को आईएएनएस को बताया कि कुरवाई थाने के खिरियाखेड़ा गांव में रहने वाले किसान राजू दांगी के घर पर रविवार शाम पुलिस ने ऐसे धावा बोला, जैसे वह किसी बड़े अपराधी को पकड़ने आई हो। तीन थानों की पुलिस ने किसान के घर को घेर लिया और उसके बेटे को अपने साथ ले गई।
जैन ने आगे बताया कि राजू के बेटे ने मोबाइल पर आए एक मैसेज ‘पहले 56 को खा गए और अब 6 को’ आगे बढ़ा दिया, जिसे पुलिस ने सरकार पर बड़ा हमला माना है। इस मैसेज के जरिए यह याद दिलाया गया है कि शिवराज राज में व्यापम घोटाले से जुड़े अब तक 56 लोग मारे जा चुके हैं और मंदसौर में पुलिस ने 6 किसानों की हत्या कर दी।
सिविल लाइन थाने के प्रभारी संजीव चौकसे ने बताया कि वॉट्सएप पर आए मैसेज को आगे बढ़ाने वाले किशोर से पूछताछ कर उसे छोड़ दिया गया है।
कांग्रेस विधायक जैन ने कहा, “अब तो राज्य में शिवराज सरकार की सच्चाई को आगे बढ़ाने तक का किसी को अधिकार नहीं रहा। जो ऐसा करेगा, उसे थाने ले लाया जाएगा। यहां के हालात तो कश्मीर से भी बुरे हैं।”
एक मैसेज को आगे बढ़ाने पर छात्र को हिरासत में लिए जाने की घटना पर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा, “प्रदेश में अब लोकतंत्र नहीं बचा, हिटलरशाही का दौर शुरू हो गया है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के संसदीय क्षेत्र में सोशल मीडिया पर किसानों के हित में और सरकार के खिलाफ अपने विचार पोस्ट करने वाले एक नाबालिग बालक के खिलाफ शिवराज सरकार द्वारा आंतकवादियों जैसा व्यवहार किया गया। क्या राज्य में अब सरकार के खिलाफ बोलना राजद्रोह की श्रेणी में आ गया है?”
सिंह ने आगे कहा, “यह गंभीर मामला है। बच्चों के स्वयंभू मामा बने शिवराज को अपने भांजे का सच बोलना रास नहीं आया। उन्होंने तीन थानों की पुलिस को उसे पकड़ने के लिए उसके घर भेजा, जैसे वह आंतकवादी हो। मामा के राज में भांजे के साथ बिना किसी अपराध के इस तरह का व्यवहार शर्मनाक है।”