भोपाल, 4 जनवरी (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में इंदिरा आवास योजना में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां सामने आ रही हैं। कई हितग्राहियों ने एक ही फोटो से कई-कई भुगतान पा लिया है। इस बात का खुलासा खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की समीक्षा बैठक में किया।
राज्य के कई इलाकों का दौरा कर सरकारी योजनाओं की हकीकत से वाकिफ होने के बाद मुख्यमंत्री चौहान ने सोमवार से विभागीय समीक्षा का सिलसिला पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से शुरू कर दिया है। साथ ही कई योजनाओं की प्रगति पर नाराजगी जताते हुए सख्त लहजे में कहा है कि ग्रामीण लोगों के कल्याण की योजनाओं के क्रियान्वयन में विलंब करने वाले और लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री चौहान ने इंदिरा आवास योजना की प्रगति पर असंतोष जताते हुए कहा कि इंदिरा आवास कुटीरों का भौतिक सत्यापन करना जरूरी है। इसके लिए राज्य स्तर से निरीक्षण दल भेजे जाएंगे। आवास निर्माण कार्य पर जिलाधिकारियों द्वारा निगरानी रखने और जिला एवं जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि इंदिरा आवास योजना में उन तक जो फीडबैक आया है, उससे पता चलता है कि एक ही हितग्राही एवं आवास इकाई की कई फोटो के आधार पर भुगतान करा लिया गया है। ऐसे प्रकरण सामने आने पर मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी निर्धारित कर उन्हें निलंबित करें और गंभीर अनियमितता पर सेवा से निकाल दें। इसलिए कि ऐसे में योजनाएं पिछड़ जाती हैं और सरकार की भी साख गिरती है।
ज्ञात हो कि इंदिरा आवास के भुगतान के लिए हितग्राही व आवास की फोटो लगानी पड़ती है।
उन्होंने संबंधित अधिकारियों को सघन मैदानी दौरे शुरू कर मुख्यमंत्री अंत्योदय आवास योजना में तेजी लाने के निर्देश देते हुए कहा कि 28 लाख आवासहीन परिवारों को आवास सुविधा उपलब्ध कराएं।
चौहान ने महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में मजदूरी के भुगतान में विलंब पर असंतोष जाहिर करते हुए भुगतान व्यवस्था को प्रभावी बनाने को कहा। इसमें विलंब करने वाले अधिकारियों को चिन्हित करें और उनके खिलाफ कार्रवाई करें।
उन्होंने कहा कि मनरेगा में मध्य प्रदेश को मिलने वाली राशि जारी करने के लिए भारत सरकार से आग्रह किया जाएगा। मजदूरी बढ़ाने के संबंध में भी विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिस जिले से मनरेगा की मजदूरी भुगतान में विलंब की रिपोर्ट आएगी, वहां जिला कलेक्टर को जिम्मेदार माना जाएगा।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने सड़कों की गुणवत्ता की समय-समय पर निगरानी के लिए कहा। पांच सौ रुपये तक की जनसंख्या वाले सभी गांव सड़कों से जुड़ जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने गांवों में सामाजिक सांस्कृतिक कार्यकलापों के लिए सामुदायिक भवनों के निर्माण में तेजी लाने के निर्देश देते हुए कहा कि हर ग्राम पंचायत का एक भवन होना चाहिए। सामुदायिक भवनों को भी पूरा करना चाहिए। जिन गांवों की जनसंख्या 5000 हो, वहां ऐसे भवन अवश्य होना चाहिए। इसके लिए विस्तृत कार्य-योजना बनाएं।
उन्होंने गांवों में पाइप लाइन से जल प्रदाय की योजना बनाने, गांवों में खेल गतिविधियों के लिए जहां जमीन उपलब्ध हो, वहां स्टेडियम बनाने के काम को प्राथमिकता देकर अभियान के रूप में चलाने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि इन स्टेडियम को मुख्यमंत्री खेल परिसर योजना का नाम दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री ग्रामीण हाट की स्थापना में तेजी लाने के निर्देश देते हुए कहा कि जो अधिकारी-कर्मचारी इस काम में विलंब कर रहे हैं, उन पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने शौचालयों के निर्माण के लिए सघन अभियान चलाने के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि खुले में शौच जाने से मुक्त होने वाला इंदौर प्रदेश का पहला जिला होगा।
बैठक में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव, मुख्य सचिव अंटोनी डिसा, अपर मुख्य सचिव ग्रामीण विकास अरुणा शर्मा और संबंधित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।