(खुसुर-फुसुर)– मप्र में लाल-बत्ती के उम्मीदवारों की घोषणा होते ही जो ख़ुशी कम से कम पार्टी कार्यकर्ताओं में दिखनी थी वह नदारद दिखी.आज दिन भर भाजपा कार्यालय में कार्यकर्ता उपस्थित तो रहे लेकिन बुझे चेहरे से.बातों के बीच उनका दर्द भी बयां हो जाता था.कई तो इतने नाउम्मीद हो गए हैं की अब घर बैठ अपने व्यवसाय में ध्यान देने की बातें करने लगे हैं.
कार्यकर्ता अधिक नाराज घोषित सूची के नामों से प्रतीत हुए.उनका कहना था की आखिर पार्टी में ऐसा कब तक चलेगा ?
आपको यह भी बता दें की कुछ प्रमुख दावेदारों का नाम काटने की स्थिति आते ही उनके आकाओं ने अपने वीटो का इस्तेमाल किया तब कहीं जाकर उनके नाम और इज्जत बच पायी वर्ना उनके सामने सन्यास लेने के सिवाय कोई चारा नहीं था.