भोपाल, 30 नवंबर (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान के लोकायुक्त को लेकर दिए गए विवादित बयान के बाद कांग्रेस ने सरकार को ही घेरना शुरू कर दिया है। कांग्रेस का आरोप है कि राज्य में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने वाली एजेंसी लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू निष्पक्ष नहीं है और उनका रिमोट सरकार के हाथ में है।
चौहान ने रविवार को बैतूल में कहा था कि मुख्यमंत्री स्वयं लोकायुक्त को कार्यवाही करने के निर्देश देते हैं। प्रदेश में लोकायुक्त की सभी कार्यवाही मुख्यमंत्री के निर्देश पर ही होती है। जोशी दंपति पर हुई कार्यवाही इसका बड़ा उदाहरण है।
प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के.के. मिश्रा ने चौहान के बयान पर सख्त ऐतराज जताते हुए सोमवार को कहा कि भ्रष्टाचार को थामने वाली लोकयुक्त और ईओडब्ल्यू दोनों ही एजेंसियां स्वतंत्र और निष्पक्ष न होकर सत्ता के रिमोट से संचालित हो रही हैं। यही कारण है कि भ्रष्टाचार से घिरी राज्य सरकार अपना दामन साफ दिखाने के लिए चपरासियों, बाबुओं और उपयंत्रियों जैसी छोटी मछलियों को ट्रेप कराती हैं और छापेमारी में मिलने वाली अनुपातहीन संपत्ति को प्रचारित करती है।
मिश्रा ने मांग की है कि पिछले 10 वर्षो में लोकायुक्त संगठन ने जितने हाईप्रोफाइल मामलों में क्लीनचिट दी है, उनकी जांच मप्र उच्च न्यायालय के किसी भी न्यायाधीश से कराई जाए।