भोपाल, 6 सितंबर(आईएएनएस)। केंद्र सरकार द्वारा एससी/एसटी एक्ट में किए गए संशोधन के विरोध में गुरुवार को सवर्णो के भारत बंद का मध्यप्रदेश में व्यापक असर रहा, अधिकांश जिलों में बाजार पूरी तरह बंद रहे, लोगों ने सड़कों पर उतरकर विरोध दर्ज कराया। वहीं शहडोल में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठियां बरसाईं, जिससे कई लोगों को चोटें भी आईं।
राजधानी सहित राज्य के अधिकांश हिस्सों में भारत बंद से जन-जीवन प्रभावित रहा, नगर सेवा से लेकर बाजार तक बंद रहे। राज्य में पेट्रोल पंप बंद रहे, मंडियों में कामकाज प्रभावित रहा। पूरे प्रदेश में हाई अलर्ट रहा, पुलिस बल की तैनाती रही। बसों का परिवहन भी प्रभावित रहा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर में भी लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया, बाजार बंद रहे। विदिशा में तो लोग काले रंग की टी-शर्ट पहनकर सड़कों पर उतरे, जिस पर लिखा था- ‘हम हैं माई के लाल।’ चौहान ने ऐलान किया था कि कोई माई का लाल आरक्षण को खत्म नहीं कर सकता।
शहडोल में प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झड़प हो गई, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठियां बरसाईं। गांधी चौक क्षेत्र में प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया, जिसमें कई लोगों को चोटें आई हैं।
इसी तरह इंदौर, जबलपुर, उज्जैन, ग्वालियर, सागर, सहित पूरे राज्य में बंद का व्यापक असर रहा। वहीं जनजीवन प्रभावित है, कई स्थानों पर तो चाय-नाश्ते की दुकानें भी नहीं खुलीं।
राज्य के विभिन्न हिस्सों में बीते एक सप्ताह से एससी-एसटी एक्ट में किए गए संशोधन के विरोध में आंदोलनों का दौर जारी है। आलम तो यह है कि भाजपा और कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों को जनाक्रोश का सामना करना पड़ रहा है। बुधवार को भी भाजपा के कई नेताओं का विरोध हुआ, काले झंडे भी दिखाए गए।
पुलिस प्रशासन ने हालात को देखते हुए भारी पुलिस बल की तैनात किया है, पुलिस मुख्यालय से पूरे प्रदेश के हालात पर नजर रखी जा रही है। हर जगह पुलिस बल की गश्त जारी है।
विभिन्न सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, छतरपुर, शिवपुरी, भिंड, अशोकनगर, गुना, ग्वालियर, कटनी आदि स्थानों पर निषेधाज्ञा 144 लागू कर दी गई है।