भोपाल, 22 सितंबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के सहकारी बैंकों की अंशपूंजी बढ़कर 515 करोड़ से ज्यादा हो गई है, पूर्व में यह अंशपूूंजी 471 करोड़ थी। यह जानकारी गुरुवार को राज्य सहकारी बैंक के प्रशासक मनीष श्रीवास्तव ने यहां बैंक के वार्षिक सम्मेलन में दी।
श्रीवास्तव ने कहा कि राज्य सहकारी बैंकों की वित्तीय सुदृढ़ता को लेकर शासन ठोस कदम उठा रही है। एक तरफ जहां अंशपूंजी में इजाफा हुआ है वहीं सहकारी साख समितियां में पात्र कृषकों की संख्या भी बढ़कर 69 लाख हो गई है। इनमें से 23 लाख किसानों के मोबाइल नंबर भी दर्ज कर लिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि सहकारी बैंकों को सुदृढ़ बनाने के लिए सरकार सुनियोजित नीति बना रही है। नीति के तहत निचली से लेकर शीर्ष सहकारी संस्थाओं के मौजूदा स्वरूप में व्यापक परिवर्तन किया जाएगा।
प्रशासक श्रीवास्तव ने बताया कि शीर्ष बैंक स्तर पर किए गए योजनाबद्ध प्रयासों से बैंक के स्वयं के स्त्रोतों में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। वर्ष 2014-15 में बैंक की अंशपूंजी 471.75 करोड़ थी, जो वर्ष 2015-16 में बढ़कर 515.81 करोड़ रुपये हो गई। यह वृद्धि 9.34 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि बैंक की रक्षित निधि भी 589.47 करोड़ से बढ़कर 980.93 करोड़ रुपये हो गई है। यह वृद्धि 66.41 प्रतिशत है।
इस सम्मेलन में प्रबंधक प्रदीप नीखरा उपस्थित थे, इस मौके पर सदस्यों ने सहकारी साख आंदोलन को मजबूत करने के लिए कई सुझाव दिए।