कोलकाता, 27 मई (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने शुक्रवार को यहां अयोजित एक समारोह में लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनके साथ 41 अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ली।
तृणमूल के हजारों समर्थक इंदिरा गांधी सरणी (रेड रोड) में आयोजित समारोह में ‘दीदी’ के शपथ-ग्रहण के गवाह बने। राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने ममता को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।
साधारण सफेद साड़ी पहने और सफेद स्टोल लिए ममता ने बांग्ला में ‘ईश्वर और अल्लाह’ के नाम पर शपथ ली। वह राज्य की आठवीं मुख्यमंत्री और पहली महिला मुख्यमंत्री हैं।
उन्होंने इस कार्यक्रम को अपने लोकप्रिय नारे ‘मा, माटी, मानुष’ को समर्पित किया।
राज्य मंत्रिमंडल में 18 नए चेहरों को शामिल किया गया है। इनमें पूर्व क्रिकेटर लक्ष्मी रतन शुक्ला, शहर के महापौर सोवन चटर्जी, प्रख्यात बांग्ला गायक इंद्रनील सेन, वरिष्ठ तृणमूल नेता सोवनदेब चटोपाध्याय और मार्क्सवादी से तृणमूल के विधायक बने अब्दुर्रज्जाक मुल्ला भी शामिल हैं।
नई सरकार में 28 मंत्री कैबिनेट रैंक के हैं, जबकि पांच राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और आठ राज्य मंत्री हैं। चटर्जी, चटोपाध्याय तथा मुल्ला कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं, जबकि शुक्ला व सेन राज्य मंत्री बनाए गए हैं।
राज्य मंत्रिमंडल में तीन महिलाओं को शामिल किया गया है जबकि सात मुस्लिम समुदाय से हैं। अनुसूचित जाति एवं जनजाति समुदाय को भी मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व मिला है।
अमित मित्रा, पार्थ चटर्जी, सुब्रत मुखर्जी, सोवनदेब चटोपाध्याय तथा अबनीमोहन जोरदार पहले शपथ लेने वालों में शामिल रहे। अन्य मंत्रियों ने बाद में शपथ ली। कुछ मंत्रियों को शपथ के बाद ममता के पैर छूते भी देखा गया।
गुलाम रब्बानी को छोड़कर सभी मंत्रियों ने बांग्ला में शपथ ली। रब्बानी ने हिन्दी में शपथ ली।
शपथ-ग्रहण समारोह में भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे, बांग्लादेश के उद्योग मंत्री आमिर हुसैन अमु, केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली और बाबुल सुप्रियो, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला तथा राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद भी शामिल थे।
समारोह में भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली, बांग्ला फिल्म जगत की हस्तियां, राज्य उद्योग जगत के प्रमुख, कूटनीतिक मिशनों के सदस्यों ने भी शिरकत की।
भीषण गर्मी व तेज धूप के बीच खुले मैदान में शपथ-ग्रहण समारोह होने के बावजूद ममता के हजारों समर्थक इसमें शामिल हुए और उन्होंने ‘दीदी’ को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के रूप में लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ लेते देखा।
विपक्षी वाम मोर्चा और कांग्रेस तथा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने चुनाव के दौरान कथित तौर पर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस द्वारा अपने कार्यकर्ताओं पर हमले के विरोध में शपथ-ग्रहण समारोह का बहिष्कार किया।
ममता ने इससे पहले 20 मई, 2011 को बंगाल की मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। तब तृणमूल कांग्रेस ने कांग्रेस, सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया-कम्युनिस्ट के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी। उनकी इस जीत के साथ ही राज्य में पिछले 34 साल के वाम शासन का अंत हो गया था।
हालिया विधानसभा चुनाव में ममता की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने अकेले चुनाव लड़ा था और 294 सदस्यीय विधानसभा में इसने दो-तिहाई से भी अधिक, 211 सीटों पर जीत दर्ज करते हुए सत्ता में वापसी की।
वहीं, कांग्रेस-वाम गठबंधन को केवल 77 सीटों पर जीत मिली। भारतीय जनता पार्टी और गोरखा जनमुक्ति मोर्चा को महज तीन-तीन सीटें मिलीं।