Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/load.php on line 926

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826
 महाबोधि मंदिर | dharmpath.com

Monday , 5 May 2025

Home » धर्मंपथ » महाबोधि मंदिर

महाबोधि मंदिर

mahabodhiबौद्ध धर्म में सबसे पवित्र समझे जाने वाले स्थानों में से एक है बोधगया का महाबोधि मंदिर। मान्यताओं के अनुसार, मंदिर परिसर में वह बोधि (पीपल) वृक्ष अब भी है, जिसके नीचे बैठकर सिद्धार्थ को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी और वे गौतम बुद्ध कहलाए। कहा जाता है कि बुद्ध को ज्ञान हासिल होने के लगभग ढाई सौ साल बाद सम्राट अशोक ने उस स्थान पर मंदिर व विहार का निर्माण करवाया था।

मौजूदा मंदिर का ढांचा पांचवीं-छठी शताब्दी का है। हालांकि अंग्रेजों के समय में इसका पुनर्निर्माण हुआ। द्रविड़ शिल्प में बना मुख्य मंदिर लगभग 55 मीटर ऊंचा है। बिहार में गया से लगभग 12 किलोमीटर दूर स्थित बोधगया में दुनियाभर से बौद्ध मतावलंबी यहां आते हैं। चीनी यात्रियों फाचन व ज्जेनसांग के यात्रा-आख्यानों में भी यहां का जिक्र मिलता है। इसके अलावा गुप्त काल व कुषाणों के शासनकाल से जुड़े अवशेष यहां मिलते हैं। जातक कथाओं के अनुसार बोधगया ही पृथ्वी का नाभि स्थान है। यहां तक कहा जाता है कि कल्प की समाप्ति पर जब दुनिया खत्म होगी तो सबसे अंत में विलीन होने वाला स्थान बोधगया ही होगा और जब नई सृष्टि का उदय होगा तो सबसे पहले बोधगया ही अस्तित्व में आएगा।

महाबोधि मंदिर Reviewed by on . बौद्ध धर्म में सबसे पवित्र समझे जाने वाले स्थानों में से एक है बोधगया का महाबोधि मंदिर। मान्यताओं के अनुसार, मंदिर परिसर में वह बोधि (पीपल) वृक्ष अब भी है, जिसक बौद्ध धर्म में सबसे पवित्र समझे जाने वाले स्थानों में से एक है बोधगया का महाबोधि मंदिर। मान्यताओं के अनुसार, मंदिर परिसर में वह बोधि (पीपल) वृक्ष अब भी है, जिसक Rating:
scroll to top