इंफाल, 8 मई (आईएएनएस)। इनर लाइन परमिट (आईएलपी) विवाद पर सत्तारूढ़ कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का पक्ष जानने की मांग करते हुए महिला कार्यकर्ताओं ने यहां रविवार को दोनों पार्टियों के कार्यालयों में घुसने की कोशिश की।
पुलिस ने ‘इनर लाइन परमिट प्रणाली पर संयुक्त समिति’ (जेसीआईएलपीएस) की महिला इकाई के सदस्यों को पार्टी कार्यालयों में घुसने से रोक दिया और उन्हें तितर-बितर कर दिया।
विरोध प्रदर्शन के कारण इंफाल में यातायात कई घंटे रुका रहा।
जेसीआईएलपीएस ने कहा है कि राज्य की सभी राजनीतिक पार्टियों से आठ मई तक या उससे पहले आईएलपी पर रुख स्पष्ट करने को कहा गया है।
उप मुख्यमंत्री गईखंगम गंगमई ने हाल ही में कहा था कि कांग्रेस स्थानीय लोगों की सुरक्षा के लिए काम कर रही है।
एक कार्यकर्ता ने कहा, “हम यह नहीं कह रहे कि प्रवासी कामगारों को इंफाल से निर्वासित कर दिया जाना चाहिए। लेकिन कानून के मुताबिक प्रवासी कामगारों को वर्क परमिट हासिल करना चाहिए और उनके पास वैध पहचान पत्र होने चाहिए।”
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), तृणमूल कांग्रेस और अन्य ने जेसीआईएलपीएस के समर्थन की घोषणा की है।
नगा पीपुल्स फ्रंट ने भी इस मामले में अपना रुख स्पष्ट करने से इंकार किया है, जिसके 60 सीटों वाली मणिपुर विधानसभा में चार सदस्य हैं।