लंदन, 2 फरवरी (आईएएनएस)। मां की अनियमित जीवनशैली बच्चों में मोटापे का कारण बन सकती है। यहां तक कि गर्भाधान से पहले की मां की जीवनशैली भी बच्चों के वजन व शारीरिक बनावट को प्रभावित कर सकती है। मां की जीवनशैली का असर बच्चे पर उसके आगे के जीवन में भी देखने को मिल सकता है।
ब्रिटेन में यूनिवर्सिटी ऑफ साउथैम्पटन के मुख्य शोधकर्ता सियान रॉबिनसन ने कहा, “हमारे नतीजों के मुताबिक, मोटापे को रोकने की कोशिश शुरुआत से ही करनी चाहिए, यहां तक कि गर्भाधान से पहले ही। इसमें उचित वजन रखना और उस वक्त धूम्रपान नहीं करना प्रमुख है।”
इस अध्ययन के मुताबिक, शोधकर्ताओं ने बच्चों में मोटापे के लिए जिम्मेदार पांच कारकों पर ध्यान केंद्रित किया, जिनमें एक महीने से भी कम समय के लिए स्तनपान के साथ-साथ मां से जुड़े चार अन्य कारक हैं। इनमें गर्भावस्था के दौरान मोटापा, वजन अत्यधिक बढ़ जाना, धूम्रपान करना तथा विटामिन डी की कमी शामिल है।
चार साल की उम्र के ऐसे बच्चे, जो इन कारकों में से चार या पांच से किसी रूप में प्रभावित रहे हैं, उनमें मोटापे का खतरा ऐसे बच्चों की तुलना में अधिक देखा गया, जो उक्त कारकों से किसी रूप में प्रभावित नहीं रहे।
बच्चों में छह साल की उम्र में यह खतरा अधिक पाया गया। ऐसे बच्चों में मोटापे का खतरा 4.65 गुना अधिक पाया गया।
यह महत्वपूर्ण है कि बच्चों में मोटापे के खतरे को उनके खानपान या शारीरिक गतिविधियों से जोड़कर नहीं देखा गया।
अध्ययनकर्ताओं ने 991 बच्चों पर अध्ययन के बाद यह नतीजा निकाला। यह शोध ‘द अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लीनिकल न्यूट्रीशन’ में प्रकाशित हुआ है।