विशाखापट्टनम, 17 अप्रैल (आईएएनएस)। इंटरनेट निरपेक्षता के लिए चल रहे संघर्ष का समर्थन करते हुए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने दूरसंचार कंपनियों द्वारा इसके उल्लंघन के प्रयासों का विरोध किया है।
माकपा ने मौजूदा समय में जारी पार्टी के 21वें अधिवेशन में पारित प्रस्ताव में भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) द्वारा दूरसंचार कंपनियों के हित में और जनता के खिलाफ इंटरनेट के एकाधिकार पर लाए गए परामर्श दस्तावेज की आलोचना की है।
इस प्रस्ताव में दूरसंचार कंपनियों द्वारा इंटरनेट निरपेक्षता का उल्लंघन करने और इंटरनेट तक जनता की पहुंच को सीमित करने के प्रयासों को विफल करने का लोगों से आह्वान किया है। इस प्रस्ताव में सार्वजनिक उपयोगिता के रूप में इंटरनेट को परिभाषित करने के लिए भी सरकार और नियामक से आग्रह किया गया है।
इंटरनेट निरपेक्षता वह व्यवस्था है, जिसके तहत दूरसंचार कंपनियां सभी वेब आधारित सेवाओं और वेबसाइटों के साथ समान रूप से आचरण करेंगी। इंटरनेट निरपेक्षता के अभाव में दूरसंचार कंपनियां कुछ सेवाओं और वेबसाइटों के साथ इंटरनेट तक सीमित पहुंच उपलब्ध करा सकती है या भुगतान की गई राशि के आधार पर इंटरनेट सेवाओं और वेबसाइट के उपयोग को कम या बढ़ा सकती हैं।
एयरटेल जैसी कुछ दूरसंचार कंपनियां कुछ इंटरनेट कंपनियों सहित विशेष पैकेज उपलब्ध करा रही है, जिसमें कुछ ही वेबसाइटों और सेवाओं को मुहैया कराया जा रहा है।
प्रस्ताव में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि दूरसंचार कंपनियों और कुछ वैश्विक इंटरनेट एकाधिकार कंपनियों के बीच सांठगांठ से इंटरनेट पर आर्थिक शक्ति को बढ़ावा मिलेगा।