कोलकाता, 8 जनवरी (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को मालदा में हुई हिंसा की केंद्रीय एजेंसी से जांच कराने की मांग की। पार्टी का आरोप है कि पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस मालदा की कथित सांप्रदायिक हिंसा में शामिल है।
भाजपा ने यह मांग उस दिन (शुक्रवार को) की, जब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में निवेश के लिए निवेशकों को लुभाने की कोशिश की और दावा किया कि राज्य में कोई सांप्रदायिक तनाव नहीं है।
उत्तर प्रदेश ‘धार्मिक भावनाओं को आहत’ करने से संबंधित की गई कथित टिप्पणी के खिलाफ रविवार को कालियाचक में हंगाामा हुआ था। बड़ी संख्या में लोगों ने वाहनों में तोड़फोड़ की थी। इनमें कुछ वाहन सीमा सुरक्षा बल के भी थे। पुलिस थाने पर भी हमला हुआ था।
केंद्र सरकार ने इस मामले में ममता सरकार से रपट मांगी है।
भाजपा ने इस मामले में राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी के दखल देने की मांग की है। पार्टी ने कहा है कि घटना की सच्चाई केवल केंद्रीय एजेंसी की जांच में सामने आ सकती है।
भाजपा के राष्ट्रीय सचिव सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा, “उत्तर प्रदेश में हुई एक बात, जिसकी हम निंदा करते हैं, को लेकर सांप्रदायिक मुद्दा बनाया गया और इसका इस्तेमाल एक पुलिस थाने में आग लगाने के लिए किया गया। बीएसएफ के वाहन भी फूंके गए। मालदा में कुछ घरों पर भी हमला हुआ।”
उन्होंने कहा, “पूरे मामले को ऐसा बनाया गया कि यह एक सांप्रदायिक मामला लगे। लेकिन, सच तो यह है कि यह तृणमूल द्वारा आंख में धूल झोंकना है, खुद की करतूत पर पर्दा डालना है। इसलिए हम केंद्रीय एजेंसी से जांच की मांग कर रहे हैं।”
बंगाल वैश्विक व्यापार सम्मेलन में शुक्रवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, “बंगाल शांत राज्य है। यहां कोई सांप्रदायिक तनाव नहीं है। कुछ लोग हमें राजनैतिक रूप से आलोचना का शिकार बना सकते हैं, लेकिन हम सांप्रदायिक समस्या नहीं होने देते। अगर शांति है तो सभी कुछ सुलझ जाता है।”
पुलिस ने हिंसा के मामले में 10 लोगों को गिरफ्तार किया है।
भाजपा के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा के नेतृत्व में गुरुवार को राज्यपाल से मिले एक प्रतिनिधिमंडल ने मामले में दखल देने की मांग की। प्रतिनिधिमंडल का कहना है कि पुलिस थाने पर हमले का मकसद वहां रखे आपराधिक रिकार्ड को नष्ट करना था।