अपने ही लोगों से सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव की नाराजगी दूर होने का नाम नहीं ले रही है। इतना ही नहीं इसमें तल्खी भी पहले की अपेक्षा बढ़ रही है। एक फर्क यह भी दिखा कि पहले कई-कई महीनों के अंतराल पर वह अपनी नाराजगी प्रकट करते थे, अब यह सिलसिला कुछ दिनों में सिमट गया है।
अपने ही लोगों से सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव की नाराजगी दूर होने का नाम नहीं ले रही है। इतना ही नहीं इसमें तल्खी भी पहले की अपेक्षा बढ़ रही है। एक फर्क यह भी दिखा कि पहले कई-कई महीनों के अंतराल पर वह अपनी नाराजगी प्रकट करते थे, अब यह सिलसिला कुछ दिनों में सिमट गया है।
इस बार मात्र सोलह घंटे की नोटिस पर उन्होंने लखनऊ में बैठक बुलाई। इसमें मुख्यमंत्री, उनके मंत्री, सांसद, विधायक, जिलाध्यक्ष आदि शामिल थे।
बताया जा रहा है कि विधायक, जिलाध्यक्ष यह सोचकर गए थे कि सरकार की उपलब्धियों को बताने के लिए निकाली गई साइकिल यात्रा पर उन्हें शाबासी मिलेगी। लेकिन हुआ उल्टा। मुलायम ने कहा कि गरीब लोग सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं, एम्बुलेंस सेवा आदि के बारे में जानते ही नहीं। साइकिल यात्रा निकालने वालों को चेहरे उतरने की बारी थी। मंत्री भी जवाबदेह हो गए। उन्हें भी लग रहा था कि उपलब्धियों का खूब प्रचार हो रहा है।
यह माना जा सकता है कि मुलायम सिंह ने संगठन और मंत्रियों के कार्यो व उपलब्धियों के प्रचार को बड़ी बारीकी से देखा-समझा। उसके बाद ही उन्होंने यह बैठक बुलाई होगी।
संयोग देखिए, जिस समय लखनऊ में मुलायम नाराजगी व्यक्त कर रहे थे, लगभग उसी समय राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल गाजियाबाद में पार्टी के कार्यक्रम से नाराज होकर चले गए। यह कार्यक्रम में उपलब्धियां बताने के लिए साइकिल यात्रा निकालने का था, अफरातफरी और फोटो खिंचवाने की मारामारी से रामगोपाल नाराज हो गए। कार्यक्रम छोड़कर चले गए।
साफ था कि प्रचार या आमजनता से संवाद का तो कोई उद्देश्य ही नहीं था। प्राय: पूरे प्रदेश में ऐसा ही नजारा था। साइकिल यात्रा में भी अनेक समाजवादी अपनी लग्जरी गाड़ी से बाहर निकलने की जहमत नहीं उठा सके थे।
कुछ भी हो मुलायम की नाराजगी ने अनेक मंत्रियों की धड़कनें बढ़ा दी हैं। उन्होंने यहां तक कहा कि यही दशा रही तो अगला चुनाव जीतना मुश्किल होगा। जल्दी ही वह मंत्रियों की अलग से क्लास लेंगे। कयास लगाए जा रहे हैं कि मुलायम अब ज्यादा बर्दास्त नहीं करेंगे। कई मंत्रियों पर गाज गिरे तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए। (आईएएनएस/आईपीएन)
(ये लेखक के निजी विचार हैं)