नई दिल्ली, 25 सितंबर- ‘मेक इन इंडिया’ के शुभारंभ समारोह में सबकी निगाह इस अभियान के सूत्रधार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर टिकी रही। समारोह में आए उद्योगपतियों ने मोदी की सोच की जमकर तारीफ की।
इस अवसर पर मोदी ने 40 मिनट का वक्तव्य दिया, जो कुछ हद तक राजनीतिक था, लेकिन इसका अधिकांश हिस्सा इस सोच पर था कि किस तरह से देश को विनिर्माण का गढ़ बनाया जा सकता है। इस वक्तव्य में उन्होंने एफडीआई शब्दावली को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश से हटकर एक नया अर्थ दिया-फर्स्ट डेवलप इंडिया, यानी पहले भारत का विकास करो।
मोदी के भाषण की समाप्ति पर समारोह में मौजूद उद्योगपतियों, राजनयिकों और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने खड़े होकर तालियां बजाईं।
मेक इन इंडिया की सोच मोदी ने सबसे पहले स्वतंत्रता दिवस पर दिए गए अपने वक्तव्य में रखी थी और एक महीने में इस अभियान को शुरू कर दिया।
मोदी ने यह भी कहा कि अभियान की शुरुआत संयोग से नवरात्र की शुरुआत के साथ हो हो रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि यह दिन दीन दयाल उपाध्याय की जयंती भी है। दीन दयाल उपाध्याय भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रमुख सिद्धांतकारों में थे।
आयोजन स्थल विज्ञान भवन खचाखच भरा हुआ था और मोदी को यह कहकर भाषण शुरू करना पड़ा कि उन्हें खेद है कि कई लोगों को सीटें न मिल पाने के कारण खड़े होकर भाषण सुनना पड़ रहा है।
इस अवसर पर वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने विकास में तेजी लाने तथा विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा उठाए कदमों का जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि सरकार ने ऐसे 25 क्षेत्रों की पहचान की है, जिसमें भारत विश्व में अग्रणी बन सकता है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष मुकेश अंबानी ने कहा कि मोदी का विशेष गुण यह है कि वह कल्पना करते हैं और कर के दिखाते भी हैं।
अंबानी ने कहा, “वह एक अरब भारतीयों को भी कल्पना करने और कार्यनिष्पादन करने के लिए प्रेरित करते हैं।”
आईटीसी के अध्यक्ष वाई.सी. देवेश्वर ने कहा कि वह मोदी के खुले नजरिए और संवाद की सादगी से प्रभावित हैं।
अन्य उद्योगपतियों के साथ विप्रो के अजीम प्रेमजी और आईसीआईसीआई बैंक की प्रमुख चंदा कोचर ने भी अभियान के पीछे मोदी के व्यापक दृष्टिकोण की तारीफ की।