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मैं शोर-शराबे में रहती हूं : कल्कि

नई दिल्ली, 22 जून (आईएएनएस)। अभिनेत्री कल्कि कोचलिन ‘न्वाइज’ नामक एक नए वीडियो के लिए गीत लिखा है। उन्होंने स्वरचित कविता में जीवन में शांति के मूल्यों पर प्रकाश डाला है। उन्होंने बताया कि वह शोर-शराबे में रहती हैं और कई बार शांति के लिए पहाड़ों पर जाना चाहती हैं।

नई दिल्ली, 22 जून (आईएएनएस)। अभिनेत्री कल्कि कोचलिन ‘न्वाइज’ नामक एक नए वीडियो के लिए गीत लिखा है। उन्होंने स्वरचित कविता में जीवन में शांति के मूल्यों पर प्रकाश डाला है। उन्होंने बताया कि वह शोर-शराबे में रहती हैं और कई बार शांति के लिए पहाड़ों पर जाना चाहती हैं।

‘न्वाइज’ बुधवार को कल्चर मशीन के डिजिटल चैनल ब्लश पर जारी हुआ।

कल्कि ने मुंबई से फोन पर आईएएनएस को बताया, “मैं शोर-शराबे में रहती हूं। मैंने इस कविता में पड़ोस के बारे में बात की है। इसमे मैंने यारी रोड (मुंबई) के बारे में अपने अनुभव साझा किए हैं। यह मछली बाजार है, यातायात का शोर, मंदिर और मस्जिद का शोर। यह हमारे जीवन का बड़ा हिस्सा है, जिसे अस्वीकार नहीं किया जा सकता।”

कल्कि का मानना है कि आज की आधुनिक दुनिया में शांति स्वर्णिम है।

अपनी कविता के बारे में उन्होंने कहा, “यह कविता हमारे जीवन में शोर का महत्व भी बताती है, लेकिन मैंने जिक्र किया है कि कई आवाजें हमें अपने अंदर की आवाज नहीं सुनने देती हैं। इसमें आधुनिक समाज के शोर-शराबे के बारे में चर्चा है।”

मैं शोर-शराबे में रहती हूं : कल्कि Reviewed by on . नई दिल्ली, 22 जून (आईएएनएस)। अभिनेत्री कल्कि कोचलिन 'न्वाइज' नामक एक नए वीडियो के लिए गीत लिखा है। उन्होंने स्वरचित कविता में जीवन में शांति के मूल्यों पर प्रका नई दिल्ली, 22 जून (आईएएनएस)। अभिनेत्री कल्कि कोचलिन 'न्वाइज' नामक एक नए वीडियो के लिए गीत लिखा है। उन्होंने स्वरचित कविता में जीवन में शांति के मूल्यों पर प्रका Rating:
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