नई दिल्ली, 5 मई (आईएएनएस)। पंजाब के मोगा में 13 साल की एक लड़की से छेड़छाड़ और फिर उसे बस से फेंकने के बाद हुई उसकी मौत के मामले को लेकर मंगलवार को संसद में जोरदार हंगामा हुआ। इस मुद्दे पर दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित हुई।
लोकसभा में कांग्रेस नेता अमरिंदर सिंह तथा आम आदमी पार्टी (आप) के भगवंत मान ने मोगा मामले पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव पेश किया। इसके लिए उन्होंने प्रश्नकाल स्थगित करने की मांग की, लेकिन अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने इसकी अनुमति नहीं दी।
अमरिंदर ने कहा कि पंजाब सरकार को बर्खास्त कर वहां राष्ट्रपति शासन लगाना चाहिए।
विपक्षी सांसदों ने पंजाब की प्रकाश सिंह बादल सरकार के खिलाफ नारे लगाए, जिसके कारण प्रश्नकाल के दौरान सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी।
उल्लेखनीय है कि बस का संचालन करने वाली कंपनी ऑर्बिट पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की है।
वहीं, प्रश्नकाल के दौरान तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के सदस्यों द्वारा मंगलवार को तेलंगाना राज्य में अलग उच्च न्यायालय की मांग को लेकर किए गए हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।
उधर, राज्यसभा में शून्य काल के दौरान दो बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस पार्टी की नेता अंबिका सोनी ने इस मुद्दे को सदन में उठाया।
उन्होंने कहा, “पंजाब में कानून-व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो गई है। केंद्र को यथाशीघ्र हस्तक्षेप करना चाहिए।”
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने सोनी से सहमति जताते हुए कहा कि यह मामला बहुत गंभीर है और सदन को इस घटना की निंदा करनी चाहिए।
उपासभापति पी.जे.कुरियन ने कहा कि इस मुद्दे को उठाने के लिए कोई नोटिस नहीं दिया गया है।
कुरियन ने कहा, “मैं औचित्य के बारे में कुछ नहीं कह रहा हूं। मैंने सिर्फ इतना कहा कि नोटिस दीजिए।”
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता सीताराम येचुरी ने सभापति से आग्रह किया कि इस मुद्दे को उठाने की अनुमति दी जाए, क्योंकि यह बहुत महत्वपूर्ण है।
येचुरी ने कहा, “इस घटना की महत्ता को देखते हुए कृपया हमें चर्चा करने की अनुमति दीजिए।”
संसदीय मामलों के राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि राज्य सरकार ने अपराधियों के खिलाफ तत्काल कदम उठाए हैं और सदन में राज्य सरकारों के कामकाज की चर्चा करना उचित नहीं है।
बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने पंजाब में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की।
हालांकि, शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) के सदस्यों ने सदन में इस मुद्दे पर चर्चा का विरोध किया।
इस गतिरोध के बीच, कुरियन ने सदन की कार्यवाही दस मिनट के लिए स्थगित कर दी। जब सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो हालात वैसे ही थे। इसलिए सभापति ने दोपहर 12 बजे तक सदन की कार्यवाही एक बार फिर स्थगित कर दी।