नई दिल्ली, 27 अगस्त (आईएएनएस)। विमानन कंपनियों द्वारा उड़ान के आखिरी समय में लिए जाने वाले अत्यधिक ऊंचे विमान किराये पर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय से इस समस्या का तत्काल निदान करने के लिए कदम उठाने को कहा है।
केंद्रीय नागरिक उड्डयन और पर्यटन राज्यमंत्री महेश शर्मा ने गुरुवार को कहा, “प्रधानमंत्री ने त्योहारों के दौरान और उड़ान के आखिरी समय के आसमान छूते किराये पर गहरी चिंता जताई है।”
शर्मा ने दो दिन पहले मोदी के साथ एक बैठक का हवाला देते हुए कहा, “हम जल्द ही इस समस्या पर विचार करेंगे। (बैठक में) इससे संबंधित तरीकों पर भी चर्चा की गई।”
शर्मा यहां भारतीय नागरिक उड्डयन एवं पर्यटन पर आठवें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में बोल रहे थे। सम्मेलन का आयोजन एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) ने किया था।
शर्मा ने कहा, “उनके (मोदी) साथ घंटेभर चली बातचीत में हमने आखिरी समय के अत्यधिक ऊंचे किराये की समस्या दूर करने के उपायों पर विचार किया।”
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री ऐसे लोगों के लिए काफी चिंतित थे, जिन्हें आपात स्थिति में आखिरी समय में विमान यात्रा के लिए टिकट लेनी होती है।”
शर्मा और नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू ने मंगलवार को मोदी से हुई इस मुलाकात में नई नागरिक उड्डयन नीति पर चर्चा की थी।
मंगलवार की इस बैठक में नागरिक उड्डयन और वित्त मंत्रालय के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) द्वारा बनाई गई मौजूदा व्यवस्था के तहत हर विमानन कंपनी को अपने वेबसाइट पर एक निश्चित संख्या में सीटों की घोषणा करनी होती है।
इस व्यवस्था के तहत विमानन कंपनियां अपने मनोनुकूल किराया रखने के लिए स्वतंत्र हैं, बशर्ते किराया उतना ही होना चाहिए, जितना वेबसाइट पर उल्लेख किया गया है।
शर्मा के मुताबिक, सरकार चार तरीकों से ऊंचे किराये की समस्या का समाधान करेगी।
उन्होंने कहा, “हम हितधारकों के साथ बातचीत कर रास्ता निकाल सकते हैं। इस बारे में डीजीसीए की ओर से कोई व्यवस्था दी जा सकती है या हम इस परिपाटी को रोकने के लिए एयर इंडिया का इस्तेमाल कर सकते हैं।”
उन्होंने कहा, “कुछ सीमित संख्या में सीटें आरक्षित रखने का भी प्रस्ताव है, जो किसी आपात स्थिति में यात्रा करने वाले यात्रियों को दी जा सकती है।”
उल्लेखनीय है कि यह मुद्दा संसद में भी उठ चुका है और कुछ सांसदों ने इस पर भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) में शिकायत भी की है।
मौजूदा कानून के तहत सरकार के पास अधिक विकल्प नहीं हैं। विमान कानून 1973 के तहत विमानन कंपनियां अपना किराया तय करने के लिए स्वतंत्र हैं।
स्पाइसजेट के अध्यक्ष अजय सिंह ने कहा, “जीडीसीए के अध्ययन से पता चलता है कि हाल में औसत किराए में गिरावट आई है।”
उन्होंने हालांकि माना कि आखिरी समय का किराया बाजार पर आधारित होता है, यानी यह पूरी तरह से मांग और पूर्ति सिद्धांत द्वारा तय होता है।