नई दिल्ली, 5 नवंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करीब 20,000 टन अनुपयोगी सोने को उत्पादक इस्तेमाल में लाने के लिए गुरुवार को इससे जुड़ी तीन योजनाएं शुरू की, जिनमें दोनों ओर राष्ट्रीय चिह्न् अशोक चक्र के साथ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की छवि वाला सोने का सिक्का भी शामिल है।
दो अन्य योजनाओं में स्वर्ण मुद्रीकरण योजना भी शामिल है, जिसके तहत लोगों के पास मौजूद आभूषण व अन्य स्वर्ण संपत्तियों को जमा कराना शामिल है, जिस पर उन्हें ब्याज मिलेगा।
एक अन्य योजना बांड से संबंधित है, जिसकी अवधि आठ साल की होगी। हालांकि इसमें पांच साल बाद ही लोगों को इसे निकालने की अनुमति होगी।
विश्व स्वर्ण परिषद के अनुसार, भारत में घरों और संस्थानों में तकरीबन 22,000 से 23,000 सोना यूं ही बेकार पड़ा हुआ है। सोने का वार्षिक आयात करीब 850-1,000 टन के आसपास है, जिसकी कीमत 35-45 अरब डालर है।