उन्होंने कहा कि पहली बार देश के इतिहास में बस्तर बटालियन बस्तर में रहने वाले स्थानीय युवाओं का प्रतिनिधित्व करेगा। यह ऐसा बटालियन होगा जो देश का गौरव होने के साथ-साथ बस्तर क्षेत्र के नक्सलवाद को दूर करने जिसकी महत्वपूर्ण भूमिका होगी। उन्होंने देश की सेना के जवानों की प्रशंसा करते हुए कहा कि सीमा क्षेत्र में आतंकवाद से निपटने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर के जवान भी बस्तर में आतंक को दूर करने की पूरजोर कोशिश कर रहे हैं और शीेघ्र ही बस्तर आतंक से मुक्त होगा।
डॉ. सिंह ने कहा कि बस्तर क्षेत्र के युवाओं में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। प्रयास के माध्यम से बस्तर क्षेत्र के बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों का प्रशिक्षण दिया गया, जिससे देश की सबसे बड़ी तकनीकी संस्थान आईआईटी की बड़ी कठिन माने जाने वाली परीक्षा में नक्सल प्रभावित क्षेत्र के 27 बच्चों ने परीक्षा उत्तीर्ण कर एक नया इतिहास रच लिया।
उन्होंने कहा कि बस्तर संभाग के सभी जिलों में कलेक्टर, एसपी व अन्य प्रशासनिक अधिकारी बस्तर का बेटा बनेगा, नई पीढ़ी बड़ी तेजी से तरक्की कर बस्तर के विकास में बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। हम ऐसे बस्तर के निर्माण का प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने 231 करोड़ के विकास कार्यों के लोकार्पण व शिलान्यास अवसर पर उपस्थित जनसमूह से कहा कि बस्तर के विकास में संसाधनों की कमी नहीं होने दी जाएगी। बस्तर की विकास यात्रा की शुरुआत तभी से प्रांरभ हो गई थी, जब पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने सन् 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण किया।
रमन सिंह ने कहा कि विकास यात्रा में सुकमा, नारायणपुर, कोंडागांव, बीजापुर आदि नए जिलों का निर्माण हुआ व बस्तर संभाग के सभी क्षेत्र में सुनियोजित तरीके से विकास की शुरुआत हुई। शासन बस्तर के विकास के लिए प्रतिबद्ध है तथा आने वाले दो साल में शत-प्रतिषत गांवों व मजरे-टोले में बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
उन्होंने कहा कि बस्तर में मोबाइल कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए 40 करोड़ रुपये की लागत से बस्तर में स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू की गई है, जो आने वाले एक वर्ष में पूर्ण हो जाएगा। कोशि की जा रही है कि बस्तर में दूरस्थ अंचलों में भी टेलीफोन व मोबाइल सुविधा सुचारु रूप से प्राप्त हो व बस्तर क्षेत्र के युवा देश व विश्व में होने वाले परिवर्तनों के प्रति जागरूक रह सकें।
रमन सिंह ने कहा कि बस्तर क्षेत्र में उज्ज्वला योजना के माध्यम से दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले माताओं एवं बहनों को गैस सिलेंडर व चूल्हा की व्यवस्था किए जाने से उन्हें जंगल में लकड़ी एकत्रित करने नहीं जाना पड़ेगा व धुएं से होने वाली बीमारियों से भी बचाव होगा।
उन्होंने कहा कि बस्तर से हमारी कनेक्टिविटी बड़ी तेजी से बढ़ रही है। सड़कों का जाल दूरस्थ अंचलों में बिछने के साथ-साथ रेलवे व एयर कनेक्टिविटी से भी जोड़ने का प्रयास शासन द्वारा किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लाइफ लाइन एक्सप्रेस चलता फिरता अस्पताल से बस्तर के लोगों को फायदा मिलेगा। इसमें देश के सुप्रसिद्ध चिकित्सक अपनी सेवाएं दे रहे हैं। यहां डब्ल्यूएचओ गुणवत्ता के मानकों का पालन करते हुए इलाज किया जा रहा है। मोतियाबिंद, कटे-फटे होंट, अस्थिरोग एवं अन्य बीमारियों का इलाज हो रहा है।