समाचार एजेंसी डब्ल्यूएएम के मुताबिक, ऊर्जा मंत्रालय द्वारा हस्ताक्षरित इस समझौते के तहत सरकारी भवनों में ऊर्जा संरक्षण पर ध्यान दिया जाएगा और ऊर्जा संरक्षण के लिए परियोजना शुरू करने की संभावनाएं तलाशी जाएंगी।
दुबई की सर्वोच्च ऊर्जा परिषद के उपाध्यक्ष सईद मुहम्मद अल-तायर ने कहा कि ऊर्जा मंत्रालय के साथ साझेदारी से एक टिकाऊ विकास के लिए यूएई की पर्यावरण अनुकूल अर्थव्यवस्था को मदद मिलेगी।
अल तायर ने कहा कि शेख मुहम्मद बिन राशिद द्वारा शुरू की गई इस पहल का मकसद युएई को पर्यावरण अनुकूल अर्थव्यवस्था का अगुआ बनाना है और दुबई एकीकृत ऊर्जा रणनीति 2030 के तहत 2030 तक ऊर्जा खपत में 30 फीसदी कमी की जाएगी।
उन्होंने कहा, “हम ऊर्जा संबंधी परियोजनाओं के जरिए सरकारी-निजी भागीदारी बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं, ताकि ऊर्जा के कम से कम उपयोग को बढ़ावा मिले।”
अभी यूएई में 99 फीसदी बिजली उत्पादन तेल एवं गैस आधारित है।
यूएई के एमीरेट्स न्युक्लियर एनर्जी कॉरपोरेशन के मुताबिक, 2030 तक यूएई की कुल बिजली जरूरत के 25 फीसदी की आपूर्ति परमाणु बिजली से होगी।
साथ ही नवीकरणीय ऊर्जा का अनुपात बढ़ाकर 10 फीसदी किया जाएगा।