Sunday , 19 May 2024

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ये है इंडिया-उर्दू में गीता

imagesधर्मपथ-भारत में उर्दू में गीता जी हाँ यह आज के समय में सिर्फ भारत में हो सकता है.

शायर अनवर जलालपुरी ने हिंदू धर्मग्रंथ श्रीमद्भगवद गीता और उर्दू भाषा के मेल का अनोखा कारनामा कर दिखाया है.पिछले दिनों अनवर की किताब ‘उर्दू शायरी में गीता’ का लोकार्पण मुरारी बापू और उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने किया.अनवर की शायरी उनकी अपनी भाषा उर्दू में है लेकिन ये किताब उन्होंने अरबी-फ़ारसी लिपि के साथ ही देवनागरी लिपि में भी छपवाई है. “पिछले 200 सालों के दौरान कविता के रूप में गीता के करीब दो दर्जन अनुवाद हुए हैं, पर पुराने ज़माने की उर्दू में फ़ारसी का असर ज़्यादा होता था.”

गीता के कर्मयोग को अनवर ने अपनी शायरी में कुछ यूं पेश किया है-

नहीं तेरा जग में कोई कारोबार, अमल के ही ऊपर तेरा अख्तियार.

अमल जिसमें फल की भी ख़्वाहिश न हो, अमल जिसकी कोई नुमाइश न हो.

अमल छोड़ देने की ज़िद भी न कर, तू इस रास्ते से कभी मत गुज़र.

धनंजय तू रिश्तों से मुंह मोड़ ले, है जो भी ताल्लुक उसे तोड़ ले.

फ़रायज़ और आमाल में रब्त रख, सदा सब्र कर और सदा ज़ब्त रख.

तवाज़ुन का ही नाम तो योग है, यही तो ख़ुद अपना भी सहयोग है.

ये है इंडिया-उर्दू में गीता Reviewed by on . धर्मपथ-भारत में उर्दू में गीता जी हाँ यह आज के समय में सिर्फ भारत में हो सकता है. शायर अनवर जलालपुरी ने हिंदू धर्मग्रंथ श्रीमद्भगवद गीता और उर्दू भाषा के मेल का धर्मपथ-भारत में उर्दू में गीता जी हाँ यह आज के समय में सिर्फ भारत में हो सकता है. शायर अनवर जलालपुरी ने हिंदू धर्मग्रंथ श्रीमद्भगवद गीता और उर्दू भाषा के मेल का Rating:
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