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रिलायंस कम्युनिकेशंस के साथ सिस्तेमा का विलय (राउंडअप)

मुंबई, 2 नवंबर (आईएएनएस)। उद्योगपति अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) ने रूस की दूरसंचार कंपनी सिस्तेमा के भारतीय कारोबार के अधिग्रहण की सोमवार को घोषणा की। सिस्तेमा भारत में एमटीएस ब्रांड के तहत कारोबार करती है।

दोनों कंपनियों ने इस सौदे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस सौदे से सिस्तेमा का आरकॉम में विलय हो गया है। इस सौदे के पूरा होने से पहले सिस्तेमा अपना कर्ज चुकाएगी और उसके बाद उसकी विलय प्रक्रिया पूरी होने के बाद आरकॉम में 10 प्रतिशत की हिस्सेदारी होगी।

कंपनियों ने कहा, “इसके अलावा, आरकॉम दूरसंचार विभाग को सिस्तेमा के स्पेक्ट्रम का भुगतान करेगी, अगले 10 वर्ष के लिए कुल 392 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाएगा।”

सिस्तेमा श्याम रूस की सिस्तेमा कंपनी की इकाई है, जो दुनियाभर में दूरसंचार, उच्च प्रौद्योगिकी, रडार और एयरोक्षेत्र, बैंकिंग, खुदरा, मीडिया, पर्यटन और स्वास्थ्य सेवाओं में निवेश करती है। एमटीएस ब्रांड भी इसी कंपनी की है।

इस सौदे से रिलायंस के नेटवर्क में अतिरिक्त 90 लाख ग्राहक जुड़ेंगे और कंपनी की सालाना आमदनी लगभग 1,500 करोड़ रुपये हो जाएगी।

इस सौदे के बाद आरकॉम के आठ महत्वपूर्ण क्षेत्रों में 800 मेगाहट्र्ज और 850 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम की अवधि 2021 से बढ़कर 2033 तक हो जाएगी। इन आठ क्षेत्रों में दिल्ली, गुजरात, तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल, कोलकाता, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।

गौरतलब है कि रिलायंस जियो ने रिलायंस कम्युनिकेशंस के साथ एक करार किया था, जिसके मुताबिक वह उसके विभिन्न शहरों में फैले 5.2 लाख ऑप्टिक फाइबर व 45 हजार दूरसंचार टावरों को साझा करेगी। इस समझौते की कुल लागत 12 हजार करोड़ रुपये थी।

दूरसंचार परामर्शदाता कंपनी कॉम फर्स्ट के निदेशक महेश उप्पल ने आईएएनएस से कहा, “यह सर्वविदित है कि भारत के दूरसंचार उद्योग को एकजुट होने की जरूरत है। स्पेक्ट्रम के आवंटन के नियमों के कारण हालांकि एकजुट होने की एक सीमा है।”

उन्होंने कहा, “नियमों के मुताबिक, किसी खास बैंड में किसी कंपनी के लिए स्पेक्ट्रम की मात्रा की एक निश्चित सीमा है। इसके कारण दूरसंचार क्षेत्र के बड़े खिलाड़ियों के विकल्प को कम करता है, जिनकी स्पेक्ट्रम में वर्तमान में हिस्सेदारी पहले से ही अधिक है।”

दूरसंचार संस्था द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश की शीर्ष पांच वायरलेस ब्रॉडबैंड प्रदाता कंपनियों में भारती एयरटेल (2.63 करोड़), वोडाफोन (2.31 करोड़), आइडिया सेल्युलर (1.81 करोड़), रिलायंस कम्युनिकेशंस (1.0 करोड़) और बीएसएनएल (89 लाख) है। इस सौदे से आरकॉम एक पायदान ऊपर चढ़ सकता है।

आरकॉम के उपभोक्ता कारोबार के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी गुरदीप सिंह ने सोमवार को हुए इस विलय सौदे पर कहा, “सिस्तेमा श्याम टेली सर्विसेज के आरकॉम में विलय के इस सौदे से आपसी लाभ हेतु पूंजीगत खर्च (कैपेक्स) और परिचालन व्यय (ओपेक्स) बढ़ेगा।”

सिस्तेमा के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी मिखाइल शामोलिन ने कहा, “यह विलय एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। पिछले कई साल से विभिन्न चुनौतियों का सामने करने के बावजूद दो डेटा सेवा प्रदाताओं का एकजुट होना देश के दूरसंचार उद्योग के लिए विकास का संकेत है।”

इस सौदे के तहत लेनदेन 2016 की दूसरी तिमाही तक पूरा हो सकता है।

उद्योगपति धीरूभाई अंबानी द्वारा संस्थापित रिलायंस कम्युनिकेशंस, रिलायंस समूह की फ्लैगशिप कंपनी है। वर्तमान में कंपनी का कुल मूल्य 15 अरब डॉलर से अधिक है।

आरकॉम के ग्राहकों की संख्या 11.8 करोड़ से अधिक है।

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