कोलंबो, 25 फरवरी (आईएएनएस)। क्रिकेट से संन्यास ले राजनीति में कदम रख चुके श्रीलंका क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान अर्जुन रणतुंगा ने बुधवार को कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वह श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड का चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार रणतुंगा अभी श्रीलंका के जहाजरानी एवं उड्डयन मंत्री हैं। उनके नेतृत्व में श्रीलंकाई टीम 1996 में विश्व कप जीतने में सफल रही थी।
विश्व कप जीतने के बाद श्रीलंका में क्रिकेट की लोकप्रियता काफी तेजी से बढ़ी। हाल में हालांकि क्रिकेट बोर्ड में छाई भ्रष्टाचार की खबरों ने ज्यादा चर्चा बटोरी।
रणतुंगा ने कहा, “कई लोगों ने मुझसे क्रिकेट बोर्ड के होने वाले चुनाव के बारे में बात की है। हाल के दिनों में श्रीलंकाई क्रिकेट का राजनीतिकरण हो रहा है और इसके कारण खेल को भी नुकसान पहुंचा है।”
रणतुंगा के अनुसार, “खिलाड़ी जब खेल रहे हों तब उन्हें राजनीति में लिप्त नहीं होना चाहिए। नई सरकार चाहती है कि खेल और राजनीति में दूरी बनी रहे। मैं अगर क्रिकेट बोर्ड में आता हूं तो यह कोशिश करूंगा कि खेल और राजनीति अलग रहें।”
श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड (एसएलसी) ने 30 अप्रैल को बोर्ड का चुनाव कराए जाने की घोषणा की है।
एसएलसी के अनुसार कार्यकारी समिति के अनुरोध के बाद खेल और पर्यटन मंत्री नवीन दिशानायके ने 30 अप्रैल को चुनाव कराने की इजाजत दी है।
गौरतलब है कि हाल के दिनों में एसएलसी के अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे हैं। स्थानीय राजनीतिक दल जनता विमुक्ति पेरामुना (जेभीपी) ने पिछले महीने इस संबंध में कई शिकायतें एसएलसी के अधिकारियों के खिलाफ दायर कराई हैं।
जिनके खिलाफ शिकायतें दर्ज कराई गई हैं उनमें पूर्व खेल मंत्री महिंदानंदा अलुथगामेग और एसएलसी के सचिव तथा अर्जुन रणतुंगा के भाई निशांत रणतुंगा का नाम भी शामिल है।