मुंबई, 5 अगस्त (आईएएनएस)। इंडियन प्रीमीयर लीग (अईपीएल) के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी के खिलाफ एक विशेष अदालत ने बुधवार को गैर जमानती वारंट जारी किया।
प्रवर्तन निर्देशालय ने पिछले महीने मोदी के खिलाफ मामले की जांच के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी करने की मांग को लेकर विशेष अदालत में अर्जी दी थी।
इस मामले पर मोदी के वकीलों ने बार-बार की कोशिशों के बावजूद प्रतिक्रिया के लिए किए गए फोन कॉल और एसएमएस का जवाब नहीं दिया।
इससे पहले मंगलवार को जब मामला न्यायालय के सामने आया तो विशेष न्यायाधीश पी.आर. भावके ने ईडी से जानना चाहा कि मामले में आरोप-पत्र दाखिल किए बगैर गिरफ्तारी वारंट कैसे जारी किया जा सकता है और क्या अदालत को ऐसा करने का अधिकार है।
ईडी के वकील एच.वेनेगांवकर कहा कि मनी लॉड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत, यह मामला अन्य आपराधिक मामलों से अलग है।
इसके अलावा वकील ने कहा कि चूंकि मामले की जांच शुरू नहीं हुई है, लिहाजा विशेष अदालत को गैर जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) जारी करने का अधिकार है।
एनबीडब्लू जारी होने पर, मोदी के भारत लौटते ही गिरफ्तार किया जा सकता है और यदि वह भारत नहीं लौटता है तो उसके खिलाफ रेड कार्नर नोटिस भी जारी किया जा सकता है।
मोदी ने पिछले महीने ईडी के सम्मन का जवाब नहीं दिया था, जिसके बाद ईडी ने विशेष अदालत का दरवाजा खटखटाया है। ललित मोदी वर्ष 2010 से ही लंदन में रह रहा है।
प्रवर्तन निदेशालय ने आईपीएल प्रसारण अधिकार के एक बड़े सौदे के सिलसिले में पीएमएलए के तहत वर्ष 2012 में मोदी के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
ईडी ने इस मामले में कार्रवाई तब की, जब भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने मोदी और इसी मामले से संबंधित अन्य लोगों के खिलाफ चेन्नई में एक मामला दर्ज कराया था।