लखनऊ, 21 नवंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह ने समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया मुलायम सिंह यादव के 77वें जन्मदिन पर हो रहे शाही खर्च को लेकर सवाल उठाया है। उन्होंने अपने फेसबुक अकाउंट पेज पर लिखा है कि मुलायम सिंह यादव जन्मदिन को एक भव्य ‘पर्व’ के रूप में मना रहे हैं। राम मनोहर लोहिया होते तो ऐसा कभी न होने देते।
लखनऊ, 21 नवंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह ने समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया मुलायम सिंह यादव के 77वें जन्मदिन पर हो रहे शाही खर्च को लेकर सवाल उठाया है। उन्होंने अपने फेसबुक अकाउंट पेज पर लिखा है कि मुलायम सिंह यादव जन्मदिन को एक भव्य ‘पर्व’ के रूप में मना रहे हैं। राम मनोहर लोहिया होते तो ऐसा कभी न होने देते।
सरकार के खिलाफ बगावत के सुर अख्तियार करने वाले आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने आईएएनएस से विशेष बातचीत के दौरान इसकी पुष्टि की।
उन्होंने अपने फेसबुक अकाउंट पर लिखा है, “सूखे के दर्द पर भारी बेरहम शहंशाहों का बेहया शाही जश्न! मुलायम के जन्मदिन पर सैफई में सितारों का जमघट !!”
ं
आईएएस अधिकारी ने अपने पेज पर आगे लिखा है, “बिहार चुनाव में मिली सियासी पटखनी ने उत्तर प्रदेश के सत्ताधारियों के चेहरे से राजनीतिक आभा छीन ली है। यह भव्य आयोजन एक झेंप मिटने की कोशिश होगी। रामपुर के शहंशाह ऊपर से खफा हैं। अबकी बार शाही बग्घी कौन मंगाएगा ब्रिटेन से।”
सूर्य प्रताप ने सरकार पर कड़ा प्रहार करते हुए लिखा है कि सड़क पर पैदल 5 करोड़ बेरोजगार युवा और फसल बरबादी से आत्महत्या करता किसान बेरहम उत्तर प्रदेश में खून के आंसू रो रहा है। पिछली 3 फसलों की बरबादी और 300 किसानों की आत्महत्या से भी नहीं पसीजा बेरहम ‘राज-परिवार का दिल’।
अपने फेसबुक अकाउंट पर सिंह ने सूखे का जिक्र करते हुए कहा है कि प्रदेश के 50 जिलों में सूखे ने किसानों की कमर तोड़कर रख दी है।
उन्होंने लिखा है, “सूखे का दर्द, खरीफ की फसल चौपट, अब रबी फसल के भी नहीं दिख रहे आसार, बीज भी नहीं लौटा किसानों का, न किसानों का 9000 करोड़ रुपया बकाया..कहां जाकर सिर पटके किसान?”
वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ने लिखा है कि सत्तारूढ़ पार्टी के मुखिया के जन्मदिन पर जश्न मनाना भूख से तड़प रहे किसानों का मजाक उड़ाना नहीं है, तो और क्या है। सैफई में आयोजित जन्मदिन के मुख्य समारोह का इंतजाम मुलायम के मुख्यमंत्री बेटे अखिलेश यादव ने अपने हाथ में लिया है। जैसे इतने बड़े प्रदेश के मुख्यमंत्री के पास इससे महत्वपूर्ण और कोई काम न हो।