चेन्नई , 4 अप्रैल (आईएएनएस)। अभिनेत्री मधु को ‘रोजा’, ‘फूल और कांटे’ और ‘दिल जले’ जैसी हिंदी फिल्मों में अभिनय करने के लिए जाना जाता है। कुछ साल पहले फिल्मों में वापसी करने के बाद वह महज तीन दक्षिण भारतीय फिल्मों से नजर आईं। उनका कहना है कि वापसी के बाद अच्छी भूमिकाएं मिलना और सफल होना मुश्किल होता है।
चन्नई, 4 अप्रैल (आईएएनएस)। अभिनेत्री मधु को ‘रोजा’, ‘फूल और कांटे’ और ‘दिल जले’ जैसी हिंदी फिल्मों में अभिनय करने के लिए जाना जाता है। कुछ साल पहले फिल्मों में वापसी करने के बाद वह महज तीन दक्षिण भारतीय फिल्मों से नजर आईं। उनका कहना है कि वापसी के बाद अच्छी भूमिकाएं मिलना और सफल होना मुश्किल होता है।
मधु हिंदी के अलावा तमिल, तेलुगू, मलयालम व कन्नड़ फिल्मों में अभिनय कर चुकी हैं।
मधु ने आईएएनएस को बताया, “मैं स्वयं को अब भी एक नायिका के रूप में देखती हूं। मेरे नायिका कहने का मतलब फिल्म के मुख्य किरदार से है। एक मध्य उम्र की औरत नायिका क्यों नहीं हो सकती? जो भूमिकाएं आसानी से मिलीं, वो नायक या नायिका की मां की भूमिकाएं हैं।”
‘अनठाकु मुंडू आ ठरवाता’ और ‘वायै मूदी पेसावम’ जैसी फिल्मों से वापसी करने के बाद मधु अधिकांशत: मां की भूमिका में नजर आई हैं।
मधु असल जिंदगी में भी एक मां हैं, इसलिए उन्हें पर्दे पर मां की भूमिका निभाने से कोई गुरेज नहीं है। उन्होंने कहा, “मुझे यकीन है कि श्रीदेवी, माधुरी, जूही और रवीना जैसी मेरी प्रतिद्वंद्वी या मुझसे वरिष्ठ नायिकाओं में से कोई भी मां की भूमिका नहीं निभाना चाहतीं। लेकिन अगर फिल्म का प्रमुख किरदार एक मां है, तो मुझे नहीं लगता कि हममें से किसी को भी उसे करने में कोई दिक्कत होगी।”
मधु ने कहा, “मैं फिल्म ‘अनठाकु मुंडू आ ठरवाता’ में नायिका की मां थी, लेकिन मुझे मेरी भूमिका अच्छी लगी क्योंकि यह मुख्य कहानी के समानांतर चली। मेरी भूमिका भले छोटी रही हो, लेकिन मैं इसमें प्रमुख किरदार थी।”
वह अन्य मजेदार भूमिकाएं मिलने की भी उम्मीद करती हैं। उनका झुकाव नकारात्मक भूमिकाओं की ओर भी है।
मधु ने कहा, “मेरे दिमाग में कई नकारात्मक विचार हैं, तो मैं हमेशा एक अच्छी महिला की भूमिका ही क्यों करूं? इसलिए मैं धीरे-धीरे नकारात्मक किरदारों का रुख कर रही हूं, क्योंकि ऐसी भूमिकाएं आपकी अदाकारी में व्यापकता लाती हैं।”
बकौल मधु, “जब आप एक फिल्म कलाकार हों, तो इससे फर्क नहीं पड़ता कि आप क्या और कैसे करते हैं। आप हमेशा एक कलाकार ही रहेंगे।”
मधु को अपने करियर में सबसे ज्यादा प्रसिद्धि मणिरत्नम की फिल्म ‘रोजा’ से मिली। वह उनके साथ दोबारा काम करने की हसरत रखती हैं।
मधु ने कहा, “मेरी नजर में अगर वह (मणि) मेरे निर्देशक हों, तो मैं कोई भी किरदार निभा सकती हूं..मुझे नहीं लगता कि कोई और मुझे मणि सर से बेहतर किरदार दे सकता है।”