नई दिल्ली, 22 मार्च (आईएएनएस)। खेल मंत्रालय ने 15वें राष्ट्रीय पैरा-एथलेटिक्स चैम्पियनशिप के आयोजन के दौरान आयोजकों द्वारा पैरा-एथलीट्स के प्रति दिखाई गई लापरवाही और उदासीनता पर हैरानी और चिंता जताई है।
इस आयोजन के दौरान प्रतियोगियों को उचित आवास तक की सुविधा मुहैया नहीं कराई गई।
तीन दिनों का यह चैम्पियनशिप 20 मार्च से गाजियाबाद में आयोजित हुआ जहां देश भर के 600 से ज्यादा पैरा-एथलीटों ने हिस्सा लिया।
हैरानी वाली बात यह रही कि इन एथलीटों को एक निजी विद्यालय के परिसर में आधे-अधूरे बने भवनों में ठहराया गया था।
इन भवनों का निर्माण पैरा-एथलीटों की जरूरतों केमुताबिक नहीं था, साथ ही इनमें शौचालय और पानी की भी उचित व्यवस्था नहीं थी।
मीडिया रपटों के अनुसार इस खराब व्यवस्था के कारण एथलीटों को जमीन पर सोना पड़ा और खुले में शौच तथा स्नान आदि करने पड़े।
मीडिया में खबर के आने के बाद खेल मंत्रालय ने बयान जारी कर रहा है कि वह इस विषय को देख रहा है और जरूरत पड़ी तो विस्तृत परामर्श भी जारी की जाएगी, जिसमें एथलीटों को मुहैया कराए जाने वाली आधारभूत सुविधाओं का जिक्र होगा ताकि भविष्य में ऐसी परिस्थिति न पैदा हो।
मंत्रालय के अनुसार वह सभी वर्गो में खेल के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।
मंत्रालय ने कहा, “हर राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) से उम्मीद की जाती है कि वे किसी भी कार्यक्रम का आयोजन पेशेवर तरीके से करें तथा इनमें आदर्श मानकों का पालन किया जाए। सरकार केवल आर्थिक मदद ही मुहैया करा सकती है।”
मंत्रालय के अनुसार यह आयोजकों का काम है कि वह मिल रही मदद का कैसे इस्तेमाल करें और बेहतर तरीके से टूर्नामेंट का आयोजन करें।