द्वितीय विश्वयुद्ध की समाप्ति की 70वीं बरसी के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में गुरुवार को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा था कि चीन शांतिपूर्ण विकास के लिए प्रतिबद्ध रहेगा। साथ ही उन्होंने चीनी सैनिकों की संख्या में तीन लाख की कटौती का भी ऐलान किया।
इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कंबोडिया की सत्तारूढ़ कंबोडियन पीपुल्स पार्टी के प्रवक्ता सांसद सोक एसान ने कहा, “सैनिकों की संख्या में कटौती की घोषणा से पता चलता है कि चीन दुनिया में शांति बनाए रखना चाहता है। इसके जरिये उसने दुनिया को यह संदेश देने की कोशिश भी की है कि उसकी सैन्य ताकत शेष विश्व के लिए खतरा नहीं है।”
द्वितीय विश्वयुद्ध (1939-1945) के दौरान एशिया, यूरोप, अफ्रीका और ओशिनिया में 10 करोड़ से अधिक सैनिकों और नागरिकों की मौत हुई। अकेले चीन में ही 3.5 करोड़ लोगों की मौत हुई।
उन्होंने कहा, “मेरे विचार में द्वितीय विश्वयुद्ध की समाप्ति में चीन की अभूतपूर्व भूमिका रही है। वैश्विक शांति के लिए लाखों लोगों के बलिदान को सराहा जाना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि द्वितीय विश्वयुद्ध समाप्ति के मौके पर आयोजित ऐसे कार्यक्रमों के जरिये नई पीढ़ियों को शांति बनाए रखने और अतीत की गलतियों से सबक सीखने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, ताकि भविष्य में इस तरह की तबाही की पुनरावृत्ति न हो।
फनसिनपेक पार्टी के दूसरे उपाध्यक्ष नेक बुन चै ने कहा कि द्वितीय विश्वयुद्ध की आग की लपटों को बुझाने में चीन की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इस संबंध में चीन और इसके लोगों के बलिदानों को व्यापक स्तर पर मान्यता दी जानी चाहिए।