सिडनी, 18 मार्च (आईएएनएस)। दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट टीम अब ‘चोकर्स’ नही है। उसने बुधवार को सिडनी क्रिकेट मैदान पर खेले गए पहले क्वार्टर फाइनल मैच में श्रीलंका को एकतरफा अंदाज में 9 विकेट से हराकर अपने ऊपर लम्बे समय से चस्पा यह लेबल हटाते हुए चौथी बार आईसीसी विश्व कप-2015 के सेमीफाइनल में जगह बना ली है।
मैन ऑफ द मैच रहे इमरान ताहिर (26-4) और हैट्रिक लेने वाले ज्यां पॉल ड्यूमिनी (29-3) की शानदार गेंदबाजी की मदद से टॉस जीतकर बल्लेबाजी करने उतरी श्रीलंकाई टीम को 133 रनों पर आउट करने के बाद द. अफ्रीका ने क्विंटन दे कॉक के नाबाद 78 रनों की बदौलत 18 ओवरों में एक विकेट खोकर जीत हासिल कर ली।
इससे पहले यह टीम 1992, 1999 और 2007 में सेमीफाइनल में पहुंच चुकी है। वर्ष 2000 में विश्व कप में नॉकआउट दौर का चलन शुरू होने के बाद से द. अफ्रीका की पहली नॉकआउट जीत है। 2011 में उसे क्वार्टर फाइनल में न्यूजीलैंड के हाथों हार मिली थी।
द. अफ्रीका को 192 गेंदें शेष रहेत जीत मिली, जो एक रिकार्ड है। द. अफ्रीका ने गेंद शेष रहने के लिहाज से विश्व कप इतिहास के नॉकआउट मुकाबलों में अब तक की सबसे बड़ी जीत हासिल की है। दूसरी ओर, 1996 की विजेता श्रीलंकाई टीम पांचवीं बार सेमीफाइनल में पहुंचने के लिए प्रयासरत थी।
बीती छह पारियों में नाकाम रहे दे कॉक 57 गेंदों का सामना कर 12 चौके लगाए जबकि फॉफ दू प्लेसिस 21 रनों पर नाबाद लौटे। दोनों ने दूसरे विकेट के लिए नाबाद 94 रन जोड़े। द. अफ्रीका का पहला विकेट 40 के कुल योग पर हाशिम अमला (16) के रूप में गिरा था।
इससे पहले, श्रीलंका ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 37.2 ओवरों का सामना किया। तीन रन के कुल योग पर अपना पहला विकेट गंवाने के बाद बीते संस्करण की उपविजेता श्रीलंकाई टीम ने लगातार अंतराल पर विकेट गंवाए।
ड्यूमिनी ने एंजेलो मैथ्यूज (19), नुवान कुलासेकरा (1) और थिरांडू कौशल (0) के रूप में लगातार तीन गेंदों पर तीन विकेट लिए और इस विश्व कप की दूसरी और कुल नौवीं हैट्रिक पूरी की। वह विश्व कप में हैट्रिक लेने वाले पहले द. अफ्रीकी बन गए।
ड्यूमिनी ने श्रीलंकाई कप्तान एंजेलो मैथ्यूज (19), नुवान कुलासेकरा (1) और थिरांडू कौशल (0) के रूप में लगातार तीन गेंदों पर तीन विकेट लिए। वह विश्व कप इतिहास में हैट्रिक लेने वाले पहले द. अफ्रीकी खिलाड़ी हैं।
डयूमिनी ने श्रीलंकाई पारी का 33वां ओवर फेंकते हुए अंतिम गेंद पर मैथ्यूज को फॉफ दू प्लेसिस के हाथों कैच कराया और फिर 35वें ओवर की पहली गेंद पर कुलासेकरा को क्विंटन दे कॉक के हाथों कैच कराया।
अगली ही गेंद पर ड्यूमिनी ने कौशल को चलता कर शानदार सफलता हासिल की। ड्यूमिनी से पहले चार्ल्स लैंगवेल्ट ने 2005 में वेस्टइंडीज के खिलाफ बारबाोडस में हैट्रिक पूरी की थी। वैसे, एकदिवसीय क्रिकेट की 38वां हैट्रिक है।
श्रीलंका के लिए कुमार संगकारा ने सबसे अधिक 45 रन बनाए जबकि लाहिरू थिरिमान्ने ने 41 रनों का योगदान दिया। थिरिमान्ने और संगकारा के बीच तीसरे विकेट के लिए 65 रनों की साझेदारी हुई जो मैच में टीम के लिए सबसे बड़ी साझेदारी रही।
मैथ्यूज और संगकारा ने पांचवें विकेट के लिए 33 रन जोड़े। दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों की कुशलता और अनुशासन के आगे कुशल परेरा (3), तिलकरत्ने दिलशान (0), माहेला जयवर्धने (4), थिसिरा परेरा (0) कुछ खास नहीं कर सके।
इस विश्व कप में लगातार चार शतक लगाकर कीर्तिमान स्थापित करने वाले संगकारा की 96 गेंदों की पारी में तीन चौके शामिल हैं जबकि थिरिमान्ने ने 48 गेंदों पर पांच चौके लगाए।
अपनी फिरकी में श्रीलंका को फंसाने वाले ड्यूमिनी और इमरान ताहिर के अलावा दक्षिण अफ्रीका की ओर से डेल स्टेन, मोर्ने मोर्कल और केल एबॉट ने एक-एक विकेट लिया।