नई दिल्ली, 14 जनवरी (आईएएनएस)। राष्ट्रीय राजधानी के प्रगति मैदान में चल रहे विश्व पुस्तक मेले में गुरुवार को पहली बार ‘भारत की पंथनिरपेक्ष साहित्य परंपरा’ विषय पर संगोष्ठी आयोजित की गई, जिसमें डॉ. कृष्ण शर्मा, डॉ. नंदलाल मेहता तथा डॉ. चंद्रकांता ने अपने विचार रखे। उन्होंने ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द को सही अर्थो में समझने पर जोर दिया।
वक्ताओं ने पुस्तक प्रेमियों को पाठ पढ़ाया कि “पंथनिरपेक्ष शब्द को समझने के लिए हमें अपनी अतीत, परंपराओं तथा संस्कृत पर दृष्टि डालनी होगी।” उन्होंने अपने वक्तव्यों से देश में बदले हुए निजाम का अहसास कराया।
वहीं थीम मंडप पर राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत द्वारा लेखकों को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू की गई नवलेखन माला के अंतर्गत प्रकाशित पुस्तकों पर चर्चा आयोजित की गई। वक्ताओं के रूप में उपस्थित थे – गौरहरि दास, बिभाशा चौधरी, जॉय डी’क्रूज, अमर मित्रा तथा डॉ. के.एस. रवि कुमार। इस सत्र की अध्यक्षता राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के अध्यक्ष बलदेव भाई शर्मा ने की।
उन्होंने कहा कि नवलेखन माला युवा लेखकों को प्रोत्साहित करने तथा उन्हें अपनी रचनाओं को प्रकाशित करवाने के लिए एक मंच प्रदान करने का प्रयास है। इस अवसर पर उपस्थित वक्ताओं ने नई पीढ़ी के लेखकों के बारे में बातचीत की। उनका मत था कि युवा लेखक रोमांटिक विचारों पर ध्यान केंद्रित न करके समाज से संबंध रखने वाले गंभीर विषयों पर विचार करते हैं।
इस पुस्तकमाला में 17 पुस्तकें प्रकाशित की गई हैं, जिनमें से 10 हिंदी में तथा 7 अन्य भारतीय भाषाओं में हैं। इन पुस्तकों का लोकार्पण विश्व पुस्तक मेले में किया गया।
विभिन्न गोष्ठियों के अलावा थीम मंडप पर अनेक साहित्यक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जा रहा है, जिनमें शामिल हैं- एल.सैमुअल एवं समूह, पॉमई बैपटिस्ट चर्च, नई दिल्ली द्वारा प्रस्तुत कायर गीत। यहां इस गीत के माध्यम से शांति एवं प्रेम का संदेश दिया गया।
मेले में बना बाल मंडप विभिन्न रचनात्मक गतिविधियों एवं रोमांच से भरपूर रहा। इस मंडप पर कार्यक्रमों की शुरुआत बचपन सोसायटी फॉर चिल्ड्रेंस लिटरेचर एंड कल्चर द्वारा कहावतें मंच पर नामक प्रस्तुति से हुई, जिसमें बच्चों को रोजमर्रा में विभिन्न संदर्भो में प्रयोग होने वाली साधारण कहावतों के बारे में जानकारी दी गई।
बाल मंडप पर बच्चों की लेखिकाओं जैसे गिरिजा राजी अस्थानो तथा शशि जैन ने बच्चों के साथ बातचीत की। यहां स्कूली बच्चों द्वारा एक दिन की बादशाहत नामक नाटक प्रस्तुत किया गया। यहां पर आयोजित हुए ओडिसी नृत्य ने सभी दर्शकों का मन मोह लिया।
चीनी मंडप पर चाइना सोशल सांइसिज प्रेस द्वारा पुस्तक लोकार्पण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें चाइना इनसाइट्स नामक पुस्तक का अंग्रेजी संस्करण लोकार्पित किया गया। यह पुस्तक समकालीन चीनी समाज का व्यापक विश्लेषण प्रस्तुत करती है।
इस अवसर पर चाइना सोशल साइंसिज प्रेस के उप-निदेशक, ली पिगुआंग ने उपस्थित अतिथियों का स्वागत किया। अतिथियों में शामिल थे संपादकीय निदेशक, सोशल साइंसिज एंड ह्यूमेनिटीज, स्प्रिंगर, माइरियाम पूर्त, संपादक, मेजर प्रोजेक्ट पब्लिकेशन सेंटर, चाइना सोशल साइसिज प्रेस, सुन पिंग, उप-निदेशक, इंटरनेशल स्टडीज सेंटर, चाइना सोशल साइसिज प्रेस, जांग लिन, प्रोफेसर, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, बी.आर. दीपक, एसोसिएट प्रोफेसर, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय हेमंत अदलखा। इस अवसर पर वक्ताओं ने प्राचीन काल से चीन तथा भारत के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर चर्चा की।
चीन मंडप पर लिफि पब्लिकेशंस तथा अन्हुई पीपल्स पब्लिशिंग हाउस चीन द्वारा कलरफुल सिल्क रोड : चीन की लोक संस्कृति पर आधारित पुस्तकें एवं उत्पाद प्रोन्नयन कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस कार्यक्रम के दौरान दोनों प्रकाशकों के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किए गए, जिसमें हाइलाइट्स ऑफ चाइना तथा टाल्क द सिल्क रोड सहित दस पुस्तकों का प्रकाशन शामिल है।
हाल सं. 12 में अंजुमन प्रकाशन, इलाहाबाद द्वारा प्रकाशित आठ पुस्तकों का लोकार्पण हुआ, जिसमें शामिल हैं – जिंदगी की खोज में, एक टुकड़ा लव, शर्तिया इश्क, सरहदें, सपना, वन साइडिड, ऑटोमेशन की दुनिया में अब आपकी बारी है। साहित्य मंच पर प्रभात प्रकाशन द्वारा व्हाट्सएप चैटिंग पुस्तक पर चर्चा का आयोजन किया गया। हाल सं. 8 में नितिन सोनी द्वारा लिखित सुपर सक्सेस स्टूडेंट गाइड का लोकार्पण भी हुआ।