चेन्नई, 1 फरवरी (आईएएनएस)। ऑटो रिक्शा चालक से लेखक बनें एम. चंद्रकुमार अपनी जिंदगी पर आधारित तमिल फिल्म ‘विसारणाय’ पर लोगों की प्रतिक्रिया जानने के लिए बेताब हैं।
चेन्नई, 1 फरवरी (आईएएनएस)। ऑटो रिक्शा चालक से लेखक बनें एम. चंद्रकुमार अपनी जिंदगी पर आधारित तमिल फिल्म ‘विसारणाय’ पर लोगों की प्रतिक्रिया जानने के लिए बेताब हैं।
पुलिस की बर्बरता को दिखाती यह फिल्म उपन्यास ‘लॉक अप’ से प्रेरित है। यह उपन्यास चंद्रकुमार ने लिखा है, जो उनके पुलिस हिरासत में बिताए दुखद अनुभवों पर आधारित है। इस फिल्म का वेनिस अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में वर्ल्ड प्रीमियर भी हो चुका है।
चंद्रकुमार ने आईएएनएस को बताया, “इस फिल्म को अंतर्राष्ट्रीय दर्शकों ने सराहा है। मैं उनकी प्रतिक्रिया से प्रभावित हुआ हूं। हालांकि मैं इस सप्ताह रिलीज हो रही इस फिल्म के प्रति यहां के लोगों की प्रतिक्रिया जानने के लिए अधिक उत्सुक हूं।”
साल 1983 में आंध्र प्रदेश के गुंटूर इलाके में पुलिस ने चंद्रकुमार और उनके तीन साथियों को हिरासत में ले लिया था। पुलिस ने इनके साथ उस अपराध के लिए बर्बरता की थी, जो उन्होंने किया ही नहीं था।
इसके बाद उनके दोस्त के कहने पर चंद्रा ने पुलिस हिरासत में झेले अपने दर्द और अनुभवों को एक तमिल उपन्यास ‘लॉक अप’ के रूप में दुनिया के सामने पेश किया।
मशहूर फिल्म निर्माता वेट्रीमारन ने जब इस उपन्यास को पढ़ा तो उन्होंने इस पर फिल्म बनाने का निर्णय लिया।
पिछले साल इस फिल्म को मुंबई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में भी प्रदर्शित किया गया था।
चंद्रा ने बताया, “यह फिल्म उन्हीं स्थानों पर शूट हुई है, जहां हमें बंदी बनाकर रखा गया था। वह बगैर प्रकाश और हवा वाला एक 10 गुणा 10 का कमरा था। निर्देशक वेट्रीमारन ने इस कहानी के साथ पूरा न्याय किया है।”
इस फिल्म का निर्माण अभिनेता धनुष और वेट्रीमारन ने संयुक्त रूप से किया है। जिसमें दिनेश, मुरुगादास और किशोर अहम किरदार में हैं।
यह फिल्म दुनिया भर में पांच फरवरी को रिलीज की जाएगी।