चेन्नई, 28 अगस्त (आईएएनएस)। तमिलनाडु के तटीय शहर वेलनकन्नी में स्थित ऑवर लेडी ऑफ हेल्थ चर्च में प्रार्थना के लिए विभिन्न मतों-धर्मो के लगभग 800,000 श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। सोमवार से शुरू हो रहा यह महोत्सव 11 दिनों तक चलेगा।
चेन्नई, 28 अगस्त (आईएएनएस)। तमिलनाडु के तटीय शहर वेलनकन्नी में स्थित ऑवर लेडी ऑफ हेल्थ चर्च में प्रार्थना के लिए विभिन्न मतों-धर्मो के लगभग 800,000 श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। सोमवार से शुरू हो रहा यह महोत्सव 11 दिनों तक चलेगा।
एक अधिकारी ने रविवार को कहा कि चर्च का झंडा फहराए जाने के साथ ही सोमवार को यह महोत्सव शुरू हो जाएगा और आठ सितंबर तक चलेगा।
चर्च के मीडिया निदेशक, फादर ई.जे. थॉमस ने वेलनकन्नी से फोन पर आईएएनएस को बताया, “महोत्सव के दौरान विभिन्न मतों-धर्मो के लगभग सात-आठ लाख श्रद्धालु वेलनकन्नी चर्च के दर्शन करेंगे। खास दिनों पर श्रद्धालुओं की संख्या 300,000 तक हो सकती है।”
उन्होंने कहा कि अन्य दक्षिणी राज्यों के साथ ही महाराष्ट्र, ओडिशा और अन्य राज्यों के लोग वेलनकन्नी आएंगे।
मान्यता है कि जो भी ध्यान से यहां प्रार्थना करता है, उसकी बीमारी ठीक हो जाती है। इस चर्च को ‘सैक्रेड अरोकिया मधा चर्च’ भी कहा जाता है। चर्च में सभी मतों-धर्मो के लोग आते हैं।
यह चर्च 16वीं सदी का है, जब कस्बे में पहली बार चमत्कार हुआ था, और इसे ‘लूर्डेस ऑफ द ईस्ट’ के नाम से भी जाना जाता है। इस चर्च की इमारत को 1962 में पोप जॉन 23वें ने बासिलिका का दर्जा दिया था।
कहावत है कि मदर मेरी अपने नवजात शिशु के साथ दूध बेचने वाले एक हिंदू लड़के के सामने प्रकट हुई थीं और उससे अपने बेटे के लिए दूध मांगा था।
लड़के ने दूध दे दिया और देर से पहुंचने व अन्य दिनों की अपेक्षा कम दूध देने के लिए अपने ग्राहकों से माफी मांगी।
लेकिन वह यह देखकर दंग रह गया कि उसका बरतन दूध से भरा हुआ था। उसने इस घटना के बारे में अपने ग्राहकों को बताया और वहां वापस लौटा, जहां उसने उस महिला को बच्चे के साथ देखा था।
उसके बाद से उस स्थान को ‘माता कुलम’ या ‘ऑवर लेडीस टैंक’ के नाम से जाना जाता है।
दूसरी कहावत यह है कि ऑवर लेडी छांछ बेचने वाले एक लंगड़े लड़के के सामने प्रकट हुई थीं। उन्होंने छांछ पी और लड़के से कहा कि वह उनके प्रकट होने के बारे में नागपट्टनम में एक धनी कैथोलिक को यह संदेश दे दे।
लंगड़े लड़के ने दौड़कर उस व्यक्ति के पास गया और संदेश दिया। उसका लंगड़ापन ठीक हो गया।
जब धनी व्यक्ति उस लड़के के साथ उस स्थान पर पहुंचा, तब ऑवर लेडी फिर से प्रकट हुईं। उस धनी व्यक्ति ने उसके बाद उस स्थान पर एक फूस का चर्च बनवाया।
तीसरी कहावत यह है कि मदर ने पुर्तगाली नाविकों को एक तूफान से बचा लिया था, जिसके कारण उनकी जहाज क्षतिग्रस्त हो गई थी। स्थानीय निवासियों ने नाविकों को फूस के चर्च में ले गए और फिर उन्होंने श्रद्धांजलि स्वरूप एक स्थायी चर्च बनाने का निर्णय लिया।
इन कहावतों को एक तमिल फिल्म में बहुत सुंदर तरीके से चित्रित किया गया है। ‘अन्नई वेलनकन्नी’ नामक यह फिल्म 1971 में आई थी।
थॉमस ने कहा कि फिल्म ने वाकई में चर्च को लोकप्रिय बना दिया और ढेर सारे लोग वेलनकन्नी आने लगे।
पुलिस के एक अधिकारी ने वेलनकन्नी में आईएएनएस से कहा कि बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आगमन की संभावना को देखते हुए सुरक्षा और अन्य इंतजाम किए गए हैं।
अधिकारी ने कहा, “चर्च के चारों ओर खुला मैदान है और भीड़ को संभालने में कोई दिक्कत नहीं होगी।”
थॉमस के अनुसार, तमिल, अंग्रेजी, तेलुगू, कन्नड़, मलयालम, मराठी और कोंकणी में विशेष प्रार्थना सभा आयोजित होगा।
महोत्सव के दौरान चर्च कार श्रद्धालुओं द्वारा खींची जाएगी।
उन्होंने कहा कि मुख्य चर्च के जीर्णोद्धार के बाद यह पहला महोत्सव है।
राज्य के स्वामित्व वाले परिवहन निगम और भारतीय रेलवे ने विभिन्न स्थानों से वेलनकन्नी आने वाले अतिरिक्त यात्रियों की भीड़ से निपटने के लिए विशेष सेवाएं घोषित की है।