नई दिल्ली, 2 नवंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने व्यर्थ पदार्थ प्रबंधन संयंत्रों की स्थापना करने के लिए प्रत्येक मंडी को 10 लाख रुपए उपलब्ध कराने का फैसला किया है, साथ ही राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) के तहत निधियों का एक प्रतिशत ठोस और तरल व्यर्थ पदार्थ प्रबंधन पर खर्च किया जाएगा।
एक बयान के मुताबिक, “271 कृषि मंडियों में स्वच्छता अभियान चलाए गए। इसके अलावा, एक स्वच्छता कार्य योजना बनाई गई है जिसके तहत इलेक्ट्रॉनिक नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट (ई-एनएएम) स्कीम के तहत प्रत्येक मंडी को 10 लाख रुपए उपलब्ध कराने का फैसला किया है।”
बयान में कहा गया, “राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) के तहत निधियों का एक प्रतिशत ठोस और तरल व्यर्थ पदार्थ प्रबंधन पर खर्च करने का भी फैसला लिया गया।”
इस वर्ष स्वच्छता पखवाड़ा 16 से 31 अक्टूबर के दौरान कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के सभी तीनों विभागों कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग, पशुपालन डेयरी एवं मात्स्यिकी पालन विभाग और कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग में मनाया गया।
‘स्वच्छ भारत मिशन’ के तहत सभी मंत्रालयों में विभिन्न मौकों पर ‘स्वच्छता पखवाड़ा’ मनाया जाता है। स्वच्छ भारत मिशन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना है, जो दो साल पहले शुरू की गई थी।
इस पखवाड़े के दौरान, स्वच्छता अभियान, शौचालयों में सेंसर लगाना, मोटरयुक्त ग्राइंडर लगाना, अवांछित रिकॉर्ड व अतिक्रमण हटाने का काम किया जाएगा।