नई दिल्ली, 9 जुलाई (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले से संबंधित आपराधिक मामलों और इससे संबंधित 40 से अधिक लोगों की मौत के मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने फैसले का स्वागत किया, जबकि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे की मांग की।
सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एच.एल. दत्तू की अध्यक्षता वाली पीठ ने सीबीआई को इस मामले की जांच सौंपी। इससे पहले महान्यायवादी मुकुल रोहतगी ने न्यायालय को बताया कि उन्हें मध्य प्रदेश सरकार की ओर से मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का निर्देश मिला है।
इसके बाद दिए आदेश में न्यायालय ने कहा, “महान्यायवादी का कहना है कि मध्य प्रदेश सरकार को व्यापमं घोटाले से संबंधित आपराधिक मामलों और इससे जुड़े लोगों की मौत से संबधित मामलों की स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच के लिए इन्हें सीबीआई को सौंपने पर कोई आपत्ति नहीं है।”
न्यायालय ने कहा, “तथ्यों के मद्देनजर, हम व्यापमं घोटाले से जुड़े आपराधिक मामलों तथा मौतों की जांच को सीबीआई को सुपुर्द करते हैं, जो मामले की जांच सोमवार से शुरू करेगी।”
सीबीआई जांच की निगरानी सर्वोच्च न्यायालय द्वारा किए जाने का अनुरोध करने वाली याचिका के बारे में न्यायालय ने कहा कि वह 24 जुलाई को जांच एजेंसी का पक्ष सुनने के बाद इस पर विचार करेगा।
न्यायालय ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र सरकार, मध्य प्रदेश सरकार और राज्य के राज्यपाल रामनरेश यादव को नोटिस भी जारी किया, जिसमें वन संरक्षक नियुक्ति घोटाला में राज्यपाल यादव की कथित संलिप्तता को लेकर उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को इस आधार पर निरस्त करने का आदेश दिया गया कि संवैधानिक पद पर आसीन होने के कारण उन्हें इससे छूट प्राप्त है।
सर्वोच्च न्यायाल के फैसले के चंद घंटों बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आड़े हाथ लेते हुए उन पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री को बचाने का आरोप लगाया।
राहुल गांधी ने कहा, “प्रधानमंत्री ने (लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान) कहा था कि वह न तो किसी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और न ही किसी को होने देंगे। फिर क्यों वह मध्य प्रदेश व राजस्थान के नेताओं को बचाने में लगे हैं?”
कांग्रेस प्रवक्ता टॉम वडक्कन ने कहा कि निष्पक्ष जांच के लिए शिवराज को अपना पद छोड़ देना चाहिए। उन्होंने कहा, “सर्वोच्च न्यायालय का संदेश स्पष्ट है।”
वहीं, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि शिवराज को दो साल पहले मामले की सीबीआई जांच करानी चाहिए थी।
इसी बीच, भोपाल में व्यापमं घोटाले से जुड़े एक और व्यक्ति की मौत की हुई है।
स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने संजय यादव का मृत्यु प्रमाण पत्र पेश किया है, जो एक आरोपी था और बाद में गवाह बन गया था।
एसटीएफ ने बुधवार को भोपाल में कहा कि लंबी बीमारी के बाद एक निजी अस्पताल में यादव की दो महीने पहले मौत हो गई।
भाजपा प्रवक्ता नलिन कोहली ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा व्यापमं घोटाले की सीबीआई जांच के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह मध्य प्रदेश सरकार की मांग का समर्थन है।
शिवराज ने भोपाल में कहा कि वह राहत महसूस कर रहे हैं और चाहते हैं कि सच सबके सामने आए।
उन्होंने कहा, “पूरे देश में इस तरह का माहौल बनाया गया जैसे मध्य प्रदेश हत्याओं की भूमि है।”
वहीं माकपा ने कहा है कि अगर व्यापमं घोटाले की निष्पक्ष जांच करानी है, तो शिवराज को इस्तीफा देना चाहिए।