शंघाई, 21 जुलाई (आईएएनएस)। ब्रिक्स देशों के न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) ने मंगलवार को यहां कामकाज शुरू कर दिया है।
ब्रिक्स देशों में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका जैसी विश्व की प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाएं शामिल हैं।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, चीन के वित्तमंत्री लउ जिवेई, शंघाई के महापौर यांग शियांग और एनडीबी के अध्यक्ष के.वी.कामत ने शंघाई के एक होटल में एनडीबी के उद्घाटन कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
लउ ने इस कार्यक्रम के बाद एक संगोष्ठी में कहा कि एनडीबी मौजूदा अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली का पूरक है।
इस अवसर पर कामत ने कहा, “हमारा उद्देश्य मौजूदा प्रणाली को चुनौती देना नहीं, बल्कि अपने तरीके से इस प्रणाली में सुधार करना है।”
उन्होंने कहा, “यह नया संस्थान एक अलग दृष्टिकोण के साथ आ रहा है। एनडीबी ने हाल ही में बीजिंग में स्थापित एशियन इन्वेस्टमेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर बैंक के साथ मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक ‘हॉटलाइन’ स्थापित की है।”
चीन ने एनडीबी को 41 अरब डॉलर देने की प्रतिबद्धता जताई है।
एनडीबी की शुरुआती पूंजी 50 अरब डॉलर है, जिसे अगले कुछ सालों में बढ़ाकर 100 अरब डॉलर किया जाएगा। ब्राजील, भारत और रूस इसमें 18 अरब डॉलर का योगदान देंगे, जबकि दक्षिण अफ्रीका पांच अरब डॉलर देगा।
ब्रिक्स और एआईआईबी जैसे नए बहुपक्षीय विकास बैंकों के सृजन से व्यापक बुनियादी ढांचे और आर्थिक विकास की इच्छाओं का पता चलता है।
इस महीने के प्रारंभ में रूस के शहर उफा में संपन्न हुए सातवें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की पूर्व संध्या पर कामत ने कहा था कि उन्हें ब्रिक्स बैंक के कामकाज शुरू होने की आशा है और वह एक अप्रैल, 2016 तक पहले ऋण की मंजूरी दे देंगे।
उन्होंने स्पष्ट किया था कि एनडीबी सिर्फ सदस्य देशों को ही सहायता प्रदान करेगा। बैंक आगामी महीनों में अपनी सदस्यता बढ़ाने पर ध्यान देगा।
कामत ने उफा में संवाददाताओं से कहा था, “हम मुख्य रूप से सदस्य देशों को ही कर्ज देंगे। इस अवधि में हम सदस्य देशों की संख्या बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे।”