नई दिल्ली, 29 सितम्बर (आईएएनएस)। अपराधी से नेता बने मोहम्मद शहाबुद्दीन को राजीव रोशन हत्या मामले में मिली जमानत के खिलाफ बिहार सरकार की अपील पर सर्वोच्च न्यायालय शुक्रवार को अपना फैसला सुनाएगा।
न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष और न्यायमूर्ति अमिताव रॉय की खंडपीठ ने शहाबुद्दीन के वकील की जिरह सुनने के बाद शुक्रवार को फैसला सुनाने की घोषणा की। बचाव पक्ष के वकील ने अदालत से जमानत रद्द नहीं करने की अपील करते हुए कहा कि 25 फरवरी 2015 को यह मामला दर्ज हुआ था, लेकिन उन्हें अभी तक आरोप पत्र नहीं मिला है, जो कि आपराधिक मामले में अनिवार्य है।
शहाबुद्दीन ने वकील ने गुरुवार को अदालत से कहा था कि बिहार सरकार जानबूझकर मामले को लटका रही है। वरिष्ठ अधिवक्ता शेखर नाफाडे ने अदालत से कहा कि शहाबुद्दीन को सीवान से भागलपुर केंद्रीय कारागार स्थानांतरित किया गया, ताकि मामला लटकाया जा सके।
नाफाडे ने कहा, “उनकी तरफ (बिहार सरकार) से जानबूझकर मामले को लटकाया जा रहा है क्योंकि जैसे ही कार्रवाई शुरू होगी, यह मामला टिक नहीं सकेगा। उनके पास मेरे मुवक्किल (शहाबुद्दीन) के खिलाफ कोई सबूत नहीं है। “
इसके जबाव में बिहार सरकार के वकील ने अदालत से कहा कि शहाबुद्दीन ने आरोप पत्र का विरोध करते हुए ही आदेश को चुनौती दी थी। अभी इसकी कॉपी नहीं मिलने की बात की जा रही है जो अकल्पनीय है।