Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the js_composer domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
 ‘शांति के लिए नेपाल गया था, प्रकृति का रोष झेलना पड़ा’ | dharmpath.com

Sunday , 15 June 2025

Home » भारत » ‘शांति के लिए नेपाल गया था, प्रकृति का रोष झेलना पड़ा’

‘शांति के लिए नेपाल गया था, प्रकृति का रोष झेलना पड़ा’

नई दिल्ली, 27 अप्रैल (आईएएनएस)। भूकंप के कारण तबाह हुए नेपाल से भारत लौटे दिल्ली निवासी एक ऑडियो इंजीनियर और डिस्क जॉकी ने कहा कि मैं वहां पर शांति के लिए गया था लेकिन मुझे अपनी यात्रा में प्रकृति की नाराजगी का सामना करना पड़ा।

नई दिल्ली, 27 अप्रैल (आईएएनएस)। भूकंप के कारण तबाह हुए नेपाल से भारत लौटे दिल्ली निवासी एक ऑडियो इंजीनियर और डिस्क जॉकी ने कहा कि मैं वहां पर शांति के लिए गया था लेकिन मुझे अपनी यात्रा में प्रकृति की नाराजगी का सामना करना पड़ा।

रजत रॉय तीन दिवसीय वार्षिक संगीत महोत्सव ‘यूनिवर्सल रिलीजन’ में अपनी कला का प्रदर्शन करने के लिए नेपाल गए थे।

रॉय ने आईएएनएस से कहा, “मैं शनिवार सुबह महोत्सव स्थल की ओर रवाना होने की तैयारी कर रहा था, तभी अचानक हर चीज हिलने लगी। भूकंप के झटके इतने तेज थे कि मेरे कमरे की हर एक चीज गिरने लगी। मैं पूरी तरह से डर गया था।”

रॉय दिल्ली, बेंगलुरू और गुवाहाटी के 60-70 लोगों के एक समूह के साथ थे। कुछ विदेशी भी इस समूह का हिस्सा थे जो कि इस महोत्सव के नौवें संस्करण में शामिल होने के लिए आए थे। इस महोत्वस का विषय ‘री-बर्थ’ था। इसे प्यार, संगीत और शांति का महोत्सव कहा जाता है।

काठमांडू से 12 किलोमीटर दूर स्थित हाथीवन में 25 अप्रैल से इस महोत्सव का आयोजन होना था। नेपाल में आठ दशकों बाद आए भीषण जलजले के कारण यह रद्द कर दिया गया।

भूकंप के झटकों के बंद होने के बाद समूह के दो लोग भारतीय दूतावास पहुंचे। दूतावास के अधिकारियों ने उनसे कहा कि वे हवाईअड्डे पर चले जाएं। हवाईअड्डे पर पहुंचने के बाद उन्होंने देखा कि वह बंद है।

उन्होंने कहा, “हवाईअड्डे पर अव्यवस्था थी। विभिन्न देशों के लोग लंबी घुमावदार कतारों में खड़े थे और नेपाल से निकाले जाने का इंतजार कर रहे थे। हमारे पास इंतजार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।”

अंतत उन्हें रविवार सुबह भारतीय वायुसेना के एक विमान से नई दिल्ली लाया गया।

रॉय ने कहा, “काठमांडू में जो कुछ भी हुआ वह अभी तक डरा रहा है। हम भाग्यशाली थे जो बच निकले।”

‘शांति के लिए नेपाल गया था, प्रकृति का रोष झेलना पड़ा’ Reviewed by on . नई दिल्ली, 27 अप्रैल (आईएएनएस)। भूकंप के कारण तबाह हुए नेपाल से भारत लौटे दिल्ली निवासी एक ऑडियो इंजीनियर और डिस्क जॉकी ने कहा कि मैं वहां पर शांति के लिए गया थ नई दिल्ली, 27 अप्रैल (आईएएनएस)। भूकंप के कारण तबाह हुए नेपाल से भारत लौटे दिल्ली निवासी एक ऑडियो इंजीनियर और डिस्क जॉकी ने कहा कि मैं वहां पर शांति के लिए गया थ Rating:
scroll to top