ब्यूरो (भोपाल )-शिवराज सिंह चौहान की जनआशीर्वाद यात्रा 22 जुलाई गुरुपूर्णिमा के दिन खंडवा से धूनी वाले दादाजी की समाधि के दर्शनों से शुरू होगी।वहां से शिवराज हेलीकाप्टर से उड़ कर उज्जैन पहुँचेंगे और पूर्व निर्धारित कार्यक्रम अनुसार महाकाल के दरबार से जनआशीर्वाद यात्रा शुरू करेंगे।
इस जनआशीर्वाद यात्रा का समापन 4 अक्टूबर को संभावित है।50 दिवसीय इस यात्रा के कई चरण होंगे हफ्ते में दो दिन यात्रा और चार दिन विश्राम के लिए है।
जनआशीर्वाद यात्रा के सूत्रधार
उमा भारती के चुनाव जिताने के सूत्रधार अनिल माधव दवे इस जनआशीर्वाद यात्रा के मुख्य सचेतक हैं,”जन” शब्द से ये अपने आप को जोड़ कर रखते हैं और ये जानते हैं की जन ही इन्हें जितायेगी या हार का मुखड़ा दिखायेगी।ये मैनेजमेंट गुरु स्वयं भी इस मर्तबा पूर्ण रूप से आशावान नहीं हैं विजयश्री के प्रति इसे ये दबे शब्दों में स्वीकार यह कह करते हैं की इस दफे कठिन है।
जनआशीर्वाद के पहले जिनका आशीर्वाद नहीं लिया
नरेन्द्र मोदी,उमा भारती ये दो महत्वपूर्ण नाम हैं जिनसे शिवराज को परहेज है और इनका आशीर्वाद लिए बिना ये चुनाव जीतने का सेहरा बाँधना चाहते हैं ताकि ये अपने को निर्विवादित,निर्विरोध नेता और मजबूत नेतृत्व के रूप में राजनीतिक बिसात पर साबित कर सकें चाहे सत्ता कैसे भी हासिल कर ली हो क्योंकि इस चतुर राजनेता को पता है की भारत की हिन्दू जनता सरल और बेवक़ूफ़ है यह सब भूल जाती है समय के साथ।
किसका आशीर्वाद लेने जा रहे हैं शिवराज और क्यों
शिवराज को आखिर चुनाव के पहले आशीर्वाद जनता का लेने की जरूरत क्यों आ पड़ी क्या जनता के पैसों को आशीर्वाद यात्रा में फूंकने की जगह जनता की भलाई में खर्च करना ठीक नहीं था?यदि शिवराज ने सही कार्य किया है तो मात्र एक आह्वान कर देते तो जनता उन्हें जिता देती,क्या शिवराज उसी तरह की राजनीति नहीं कर रहे जैसा पहले नेता करते आये हैं।विपक्ष को एक सशक्त प्लेटफार्म शिवराज ने दे दिया है अपने विरुद्ध,भाजपा ने जितना पैसा बैठकों,सभाओं और विभिन्न पंचायतों में फूंका है क्या आम जन की भलाई में वह खर्च नहीं हो सकता था।
जनआशीर्वाद में क्या जवाब देंगे शिवराज
शिवराज युवाओं को क्या जवाब देंगे जिन्हें स्वरोजगार हेतु ऋण दिलवा रहे थे उसके प्रति भी युवा अब आशावान नहीं हैं,लाखों युवा बेरोजगारी की कगार पर हैं लेकिन चुनाव के समय कुछ पद निकाल कर और वह भी आधी अधूरी प्रक्रिया के तहत युवाओं में सन्देश इसका गलत जा रहा है,वे पंचायतें जिन्हें मुख्यमंत्री ने आयोजित कीं,उनमे की गयी घोषणाओं के पूरे होने की रिपोर्ट क्या बताएँगे ,बेलगाम अधिकारीयों के सम्बन्ध में क्या जवाब देंगे,अपने उन मंत्रियों,विधायकों और संगठन पदाधिकारियों की करतूतों के सम्बन्ध में क्या बयान देंगे,बरसात के बाद ख़राब हो चुकी सड़कों के सम्बन्ध में क्या जवाब देंगे,विपक्ष के प्रश्नों का क्या जवाब देंगे ,लाडलियों को क्या जवाब देंगे यदि माता -बहनों की इतनी ही चिंता होती तो समाज की उमा भारती की इज्जत करना क्या प्रथम फर्ज नहीं था शिवराज का।
सारे प्रदेश की माता बहनों की चिंता लेकिन उमा भारती की उपेक्षा
क्या उमा भारती इनकी माता-बहनों में सिर्फ इसलिए नहीं आतीं क्योंकि शिवराज को उमा भारती की वजह से अपनी गद्दी को खतरा दीखता है।
धूनी वाले दादा का आशीर्वाद और न्याय
शिवराज सिंह का जनआशीर्वाद यात्रा का कार्यक्रम उज्जैन से था ,लेकिन आज की पत्रकार वार्ता में नन्दकुमार सिंह द्वारा बताया गया की शिवराज यात्रा धूनी वाले दादा जी का आशीर्वाद ले कर यात्रा की शुरुआत करेंगे,क्या है इसके पीछे मंतव्य यह हम आपको बाद में बताएँगे क्यों इन्होने यह कार्यक्रम अपना बदला या उसमें जोड़ा क्या शिवराज का दादाजी के प्रति भाव है या कोई राजनीतिक कारण क्या दादाजी विजय का आशीर्वाद देंगे यह समय बतायेगा।