Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/load.php on line 926

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826
 संयुक्त राष्ट्र उत्तर कोरिया पर साफ करे नीति | dharmpath.com

Thursday , 15 May 2025

Home » धर्मंपथ » संयुक्त राष्ट्र उत्तर कोरिया पर साफ करे नीति

संयुक्त राष्ट्र उत्तर कोरिया पर साफ करे नीति

उत्तर कोरिया की परमाणु प्रसार नीति ने अमेरिका को हिलाकर रख दिया है। सनकी तानाशाह किम जोंग की हठता से शांतप्रिय देशों के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो चली है। किम की यह मुहिम अमेरिका को डराने के लिए है या फिर चौथे विश्वयुद्ध की दस्तक कहना मुश्किल है, क्योंकि अमेरिका की लाख कोशिश और धमकी के बाद भी उत्तर कोरिया पर कोई असर पड़ता नहीं दिखता।

उत्तर कोरिया की परमाणु प्रसार नीति ने अमेरिका को हिलाकर रख दिया है। सनकी तानाशाह किम जोंग की हठता से शांतप्रिय देशों के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो चली है। किम की यह मुहिम अमेरिका को डराने के लिए है या फिर चौथे विश्वयुद्ध की दस्तक कहना मुश्किल है, क्योंकि अमेरिका की लाख कोशिश और धमकी के बाद भी उत्तर कोरिया पर कोई असर पड़ता नहीं दिखता।

उत्तर कोरिया की आणविक प्रयोगवाद की जिद उसे कहां ले जाएगी। वह परमाणु सम्पन्नता से क्या हासिल करना चाहता है। वैश्विक युद्ध की स्थिति में क्या वह अपने परमाणु हथियारों को सुरक्षित रख पाएगा? वह परमाणु अस्त्र का प्रयोग कर क्या अपने को सुरक्षित रख पाएगा। परमाणु अस्त्रों के विस्फोट के बाद उसका विकिरण और इंसानी जीवन पर पड़ने वाला दुष्परिणाम किसे झेलना पड़ेगा। उसकी यह मुहिम सिर्फ एक सनकी शासक की जिद है या फिर मानवीयता को जमींदोज करने एक साजिश।

उत्तर कोरिया को लेकर बढ़ती वैश्विक चिंता के बाद भी दुनिया इस मसले पर गंभीर नहीं दिखती, इसलिए अमेरिका की चिंता काफी गहरी होती जा रही है।

राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की कड़ी सैन्य चेतावनियों के बाद भी किम की सेहत पर कोई असर फिलहाल नहीं दिख रहा। इस मसले पर चीन और रूस की भूमिका साफ नहीं है। किम की दहाड़ से यह साबित होता है कि रूस और चीन आणविक प्रसार को लेकर संवेदनशील नहीं हैं।

उत्तर कोरिया लगातर परमाणु परीक्षण जारी रखे हुए है। संयुक्त राष्ट्रसंघ की चेतावनी के बाद भी यूएन के सभी स्थायी सदस्य चुप हैं। इसकी वजह है कि सनकी शासक पर कोई असर नहीं दिखता है और वह मिशन पर लगा है। किम हाइड्रोजन बम का भी परीक्षण कर चुका है। उसका कबूलनामा और तस्वीरें दुनिया के सामने आ चुकी हैं। यही वजह है कि अमेरिका के साथ जापान को भी पसीने छूट रहे हैं, क्योंकि उत्तर कोरिया बार-बार ट्रंप की धमकियों को नजर अंदाज कर मुंहतोड़ जवाब देने की बात कह रहा है।

यह बात साफ होने के बाद कि कोरिया को पाकिस्तानी परमाणु वैज्ञानिक अब्दुल कादिर ने यह तकनीक पाकिस्तानी सरकार के कहने पर उपलब्ध कराई, जिसकी वजह से अमेरिकी सरकार और चिढ़ गई है। यही कारण है कि पाक की नीतियों को संरक्षण देनेवाला अमेरिका उसे अब आतंकियों के संरक्षण का सबसे सुरक्षित पनाहगार मानता है।

दूसरी बात है कि अमेरिका, भारत और जापान कि बढ़ती नजदीकियों से चीन और पाकिस्तान जल उठे हैं। इसकी वजह है कि रूस, चीन और पाकिस्तान कि तरफ से उत्तर कोरिया को मौन समर्थ मिल रहा है। हालांकि वैश्विक युद्ध की फिलहाल सम्भावना नहीं दिखती है, लेकिन अगर ऐसा हुआ तो रूस, चीन और पाकिस्तान उत्तर कोरिया के साथ खड़े दिख सकते हैं।

जबकि भारत, जापान और अमेरिका एक साथ आ सकते हैं, क्योंकि आतंकवाद के खिलाफ ट्रंप सरकार ने जिस तरह वैश्विक मंच पर भारत का साथ दिया है, उससे भारत आतंकवाद को वैश्विक देशों के सामने रखने में कामयाब हुआ है।

यूएन ने भी भारत के इस प्रयास कि सराहना की है। दक्षिण सागर और डोकलाम पर भारत की अडिगता चीन को खल रही है, जिससे कोरिया पर चुप्पी साध रखी है। रूस ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि उत्तर कोरिया पुन: मिसाइल परीक्षण की तैयारी में जुटा है, जिसकी जद में अमेरिका का पश्चिम भाग होगा। वैसे अमेरिका कोरिया पर लगातर दबाव बनाए रखे हुए है। वह आर्थिक और व्यापारिक प्रतिबंध भी लगा चुका है। जबकि रूस और चीन की तरफ से कोई ठोस पहल नहीं की गई।

हालांकि अमेरिका किसी भी चुनौती के लिए तैयार खड़ा है। अमेरिका, कोरिया पर हमला करता है तो उस स्थिति में रूस और चीन की क्या भूमिका होगी, यह देखना होगा। दोनों तटस्थ नीति अपनाते हैं या फिर कोरिया के साथ युद्ध मैदान में उतर चौथे विश्वयुद्ध के भगीदार बनते हैं। क्योंकि यह बात करीब साफ हो चली है कि अमेरिका और उत्तर कोरिया में शीतयुद्ध के बाद की स्थिति आणविक जंग की होगी! क्योंकि किम को यह अच्छी तरह मालूम है कि सीधी जंग में वह अमेरिका का मुकाबला कभी नही कर सकता है।

सैन्य ताकत के सामने किम की सेना और हथियार कहीं से भी टिकते नहीं दिखते। उस स्थिति में उत्तर कोरिया के सामने अमरीका को बंदर घुड़की देने के शिवाय कोई दूसरा विकल्प नहीं बचता। युद्ध की स्थिति में कोरिया लंबे वक्त तक नहीं टिक पाएगा। उस हालात में सब से अधिक बुरा परिणाम सनकी शासक किम को भुगतान पड़ेगा।

इसके अलावा सबसे बुरा असर समूची मनवता पर पड़ेगा। परमाणु अस्त्रों के प्रयोग से विकिरण फैलेगा। दुनिया में अजीब किस्म कि बीमारियों का प्रकोप बढ़ेगा। विकिरण कि वजह से लोग विकलांग पैदा होंगे। धरती पर तापमान बढ़ेगा और पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। आणविक युद्ध कि पीड़ा कोई जापान से पूछ सकता है।

1945 में विश्व युद्ध के दौरान अमेरिका ने आणविक हमले किए थे। इसका नतीजा है कि 70 साल बाद भी लोग विकलांग पैदा होते हैं और उसका दंश पीढ़ियों को भुगतना पड़ रहा है। कोरिया के खिलाफ दुनिया को एक मंच पर आना चाहिए और उसकी आणविक दादागीरी पर रोक लगनी चाहिए, वरना मानवीय हित संरक्षक संयुक्त राष्ट्रसंघ जैसी संस्था को कड़े कदम उठाने चाहिए।

उत्तर कोरिया की तानाशाही पर वैश्विक देश एक मंच पर नहीं आते तो स्थिति विकट होगी। फिर दूसरे देशों पर भी लगाम कसनी मुश्किल होगी और दुनिया में आणविक प्रसार की होड़ मच जाएगी। उत्तर कोरिया की बढ़ती तानाशाही की वजह से अमेरिका ने साफतौर पर कह दिया है कि आणविक प्रसार प्रतिबंध की बाते बेईमानी हो रही हैं।

परमाणु अप्रसार संधि का कोई मतलब नहीं रह गया है। अमेरिका कि इस बात साफ जाहिर हो गया है कि अब वह इस संधि पर अधिक भरोसा नहीं रह गया है। दुनिया भर में आंतरिक सुरक्षा को लेकर संकट खड़ा हो गया है। स्थिति यह साफ संकेत दे रहीं है कि अगला विश्व युद्ध परमाणु अस्त्रों का होगा। (आईएएनएस/आईपीएन)

(ये लेखक के निजी विचार हैं)

संयुक्त राष्ट्र उत्तर कोरिया पर साफ करे नीति Reviewed by on . उत्तर कोरिया की परमाणु प्रसार नीति ने अमेरिका को हिलाकर रख दिया है। सनकी तानाशाह किम जोंग की हठता से शांतप्रिय देशों के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो चली है। किम की उत्तर कोरिया की परमाणु प्रसार नीति ने अमेरिका को हिलाकर रख दिया है। सनकी तानाशाह किम जोंग की हठता से शांतप्रिय देशों के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो चली है। किम की Rating:
scroll to top