Friday , 17 May 2024

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सज गया है सट्टेबाजों का सबसे बड़ा बाज़ार आई.पी.एल. क्रिकेट

अनूप कुमार –7980_3

(फैज़ाबाद)।जिस देश में क्रिकेट के खेल और उस से जुड़े खिलाड़ियों की भगवान की तरह पूजा होती हो जो खेल देश की जनता की भावनाओ से जुड़ा है उसका एक स्याह पहलु भी इन दिनों सट्टेबाजी के कारोबार के तौर पर नज़र आ रहा है किसी जमाने में जेंटिलमैन का खेल समझे जाने वाले क्रिकेट के खेल में अब ग्लैमर का तड़का भी लग चूका है इंडियन प्रीमियर लीग के नाम से फ़टाफ़ट क्रिकेट का ऐसा फॉर्मेट तैयार किया गया है जिसमे अब सिर्फ खिलाड़ी ही नहीं जुड़े है बल्कि खिलाड़ियों की बोली लगाने से लेकर टीमों की खरीद फरोख्त में देश के बड़े उद्यमी राजनेता और बड़ी संख्या में फ़िल्मी सितारे भी जुड़े है.अब ये खेल महज खेल नहीं रह गया है बल्कि इस खेल को एक बड़े कारोबार का रूप दे दिया गया है जिसका आगाज़ खिलाड़ियों की खरीद से शुरू होता है और अंजाम जीत के नाम पर कमाई जाने वाली बड़ी रकम के साथ होता है. क्रिकेट के इस खेल में अब चौके या छक्के पड़ने पर सिर्फ तालिया नहीं बजती बल्कि चीयरलीडर्स का डांस अब इस खेल के रोमांच को और बढ़ाता है लेकिन ये खेल बस यही खत्म नही होता इस खेल का सबसे स्याह पहलु दिखना अभी बाकी है जिसे  सट्टेबाज़ी कहा जाता है. अपने पहले सत्र से ही सट्टेबाज़ी के आरोपों में घिरे इस खेल की लोकप्रियता अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर है एक तरफ जहां ये खेल लोगो के रोमांच का जरिया है वही दूसरी ओर सटोरियों और सट्टेबाज़ों के धंधे से भी जुड़ा है सट्टेबाज़ी के बड़े आरोपों से घिरे कई बड़े नाम अखबारों की सुर्खिया बने और मामला पुलिस से लेकर अदालत तक पंहुचा लेकिन ये तो महज़ बानगी भर है फ़टाफ़ट क्रिकेट के इस टूर्नामेंट के शुरू होते ही सज जाता है जुआडियो का सबसे बड़ा बाज़ार जहां सिर्फ जीत हार पर सट्टा नहीं लगता बल्कि मैच के टॉस से लेकर मैच की आखिरी गेंद तक सट्टेबाज़ी का कारोबार होता है सट्टेबाज़ी का ये खेल हज़ार से शुरू होकर लाखो में खेला जाता है और बाकायदा इसके लिए इंतज़ाम भी किये जाते है. ऐसा नहीं है की पुलिस को इस काले कार्टोबार की खबर नहीं है लेकिन ये पूरा कारोबार फोन काल के नेटवर्क पर आधारित होने के कारण इस से जुड़े लोगो को पकड़ पाना पुलिस के लिए टेढ़ी खीर साबित होता है मैच की शुरुआत के साथ ही सट्टेबाज़ी का काम शुरू हो जाता है सत्ता जीत और हार पर भी लगता है और टीम के हर एक खिलाड़ी पर भी, कौन सी टीम का बल्लेबाज़ आज रन बनाएगा और किस बॉलर को विकेट मिलेगी इन सब बातो पर सट्टा लगता है और सट्टेबाज़ी का ये खेल अब सट्टेबाज़ी कराने वालो के लिए एक बड़ा कारोबार का रूप ले चूका है जिसमे सट्टेबाज़ी करने वाले को सट्टा लगवाने के एवज में जीते हुए ग्राहक से कमीशन मिलता है मतलब की जीत किसी की भी हो सट्टेबाज़ी कराने वाले की जेब ज़रूर गरम होगी।
आई पी एल 2014 सत्र में सट्टेबाज़ों की पसंदीदा टीमों में चेन्नई सुपर किंग्स, मुंबई इंडियंस , राजस्थान रॉयल्स ,सनराइज़र्स हैदराबाद और कोलकाता नाइटराइडर्स पसंदीदा टीम है जिनके मैच में इनकी जीत पर जमकर सट्टेबाज़ी होती है टीम के अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए इस मैच में सत्ता लगाने वालो को भाव भी देना पड़ता है मतलब की अगर चेन्नई की टीम जीतती है तो सट्टेबाज़ों को सट्टेबाज़ी में तय की गयी रकम मिलती है लेकिन अगर चेन्नई की टीम हार जाती है सत्ता लगाने वाले को तय की गयी रकम से दुगनी धनराशि देनी पड़ती है सट्टेबाज़ी के इस खेल में इसे भाव देकर सट्टा लगाना कहा जाता है कुछ ऐसा ही नियम खिलाड़ियों के खेल पर भी है , विराट कोहली ,युवराज सिंह ,ग्लेन मैक्सवेल , जार्ज बैली , डेविड वार्नर , क्रिस गेल , रोहित शर्मा ,दिनेश कार्तिक सहित कुछ ऐसे खिलादी है जिनके प्रदर्शन पर भी सट्टेबाज़ी का कारोबार होता है और बाकायदा इन खिलाड़ियों पर भाव लगाकर सट्टेबाज़ी का खेल खेला जाता है सट्टेबाज़ी के खेल में बुकी की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है इस पूरे खेल में बुकी एक ऐसा किरदार है जिसके इर्द गिर्द सट्टेबाज़ी का ये पूरा कारोबार चलता है और अलग अलग ग्राहकों को जोड़ कर ये सट्टेबाज़ी का खेल संचालित करता है और जुए के इस पूरे कारोबार का जरिया फोन होता है फोन द्वारा ग्राहक से काफी दूर बैठा बुकी ( सट्टेबाज़) हर मैच पर सट्टा लगवाता है और पुलिस को खबर भी नहीं लगती लेकिन इस खेल की शर्ते ये भी है की सट्टेबाज़ी का ये खेल खेलने से पहले आपको बुकी के पास सट्टे  में खेली जाने वाली मोटी  रकम जमा करनी पड़ती है जिसके बाद ही कोई भी शक्श सट्टे के इस खेल का हिस्सा बन सकता है बेईमानी के ये पूरा धंधा इतनी ईमानदारी से किया जाता है की कसी को भी इसकी कानो कान खबर नहीं लगती और हर मैच की हर गेंद पर पड़ने वाले चौके और छक्के के साथ ही फटाफट क्रिकेट के इस खेल में कोई राजा बनता है और कोई रंक शाम ढलते ही मैच के शुरू  होने के साथ ही सट्टेबाज़ी का जो बाजार गरम होता है उसकी तपिश देर रात तक सट्टेबाज़ी से जुड़े लोगो के चेहरे  पर देखी  जा सकती है और ये खेल यु ही चलता रहता है 
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