तिरूवनंतपुरम, 21 नवंबर (आईएएनएस)। सबरीमाला मंदिर के अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि मंदिर के श्रद्धालुओं द्वारा अपने कपड़ों को पांबा नदी में फेंके जाने पर प्रतिबंध के खिलाफ वे केरल उच्च न्यायालय का रुख करेंगे।
मंदिर के अधिकारियों ने स्वीकार किया कि वे भी नदी को प्रदूषित करने के खिलाफ हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि लंबे समय से चली आ रही परंपरा जिसमें लोगों का विश्वास है, उसे कानून के माध्यम से नहीं रोकना चाहिए।
मंदिर का प्रबंधन करने वाले त्रावनकोर देवास्वम बोर्ड (टीडीबी) के सदस्य अजय थराइल ने कहा कि नदी में कपड़ा फेंकने वाले श्रद्धालुओं को गिरफ्तार करना या उनके खिलाफ मामला दर्ज करना समस्या का समाधान नहीं है।
थराइल ने कहा, “एक जागरुकता अभियान चलाकर हम बदलाव ला सकते हैं, लेकिन इसमें थोड़ा समय लगेगा। इसलिए हम एक समीक्षा याचिका लेकर उच्च न्यायालय का रुख कर रहे हैं।”
उच्च न्यायालय ने मंदिर के निकट जलाशयों में कपड़े फेंकने वालों के खिलाफ पिछले महीने सख्त कार्रवाई करने का आदेश जारी किया है।
इस आदेश के बाद पुलिस ने नदी में अपने कपड़े फेंकने वाले 10 लोगों को गिरफ्तार किया।
सबरीमाला मंदिर का पट सोमवार शाम को खुला। मंदिर की तीर्थयात्रा दो महीने तक चलेगी। तीर्थयात्रा का अंत जनवरी में मलयालम महीने के पहले दिन होता है।
समुद्र तल से 914 मीटर की ऊंचाई पर पश्चिमी घाट के पहाड़ी क्षेत्रों में स्थित यह मंदिर तिरूवनंतपुरम से करीब 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
मंदिर तक पांबा से पैदल चलकर पहुंचा जा सकता है। टीडीबी केरल में सैकड़ों मंदिरों का प्रबंधन करता है।