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 समलैंगिकता अपराध नहीं, ‘सामाजिक, मनोवैज्ञानिक समाधान की जरूरत’ : आरएसएस | dharmpath.com

Saturday , 10 May 2025

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समलैंगिकता अपराध नहीं, ‘सामाजिक, मनोवैज्ञानिक समाधान की जरूरत’ : आरएसएस

नई दिल्ली, 6 सितम्बर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने गुरुवार को कहा कि वह समलैंगिकता का समर्थन नहीं करता है क्योंकि इस संबंध में सामाजिक और मनोवैज्ञानिक स्तर पर समाधान निकाले जाने की जरूरत है, लेकिन साथ ही संगठन सर्वोच्च न्यायालय के दृष्टिकोण से सहमत है कि सामान लैंगिक संबंध अपराध नहीं है।

आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने एक बयान में कहा, “सर्वोच्च न्यायालय की तरह, हम इसे अपराध नहीं मानते हैं। समान लिंग के साथ शादी और संबंध प्राकृतिक मानदंडों के अनुरूप नहीं है। इसलिए, हम ऐसे संबंधों का समर्थन नहीं करते हैं। भारतीय समाज में भी ऐसे संबंधों को स्वीकारने की परंपरा नहीं रही है।”

उन्होंने कहा, “मानव सामान्यत: अनुभवों से सीखता है, इसलिए इस मामले को सामाजिक और मनोवैज्ञानिक स्तर पर देखे जाने की जरूरत है।”

उन्होंने यह बयान सर्वोच्च न्यायालय द्वारा समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से बाहर करने के बाद दिया है।

समलैंगिकता अपराध नहीं, ‘सामाजिक, मनोवैज्ञानिक समाधान की जरूरत’ : आरएसएस Reviewed by on . नई दिल्ली, 6 सितम्बर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने गुरुवार को कहा कि वह समलैंगिकता का समर्थन नहीं करता है क्योंकि इस संबंध में सामाजिक और मनोवै नई दिल्ली, 6 सितम्बर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने गुरुवार को कहा कि वह समलैंगिकता का समर्थन नहीं करता है क्योंकि इस संबंध में सामाजिक और मनोवै Rating:
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