नई दिल्ली, 29 अगस्त (आईएएनएस)। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने सोमवार को कहा कि कश्मीर में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजने का सरकार का फैसला 40 दिन देर से आया है। उन्होंने कहा कि यदि निर्णय पहले ले लिया गया होता तो स्थिति इस दशा में नहीं पहुंचती।
आजाद ने आईएएनएस से कहा, “हम लोगों ने यह मांग 18 जुलाई को की थी। मांग को किए अब 40 दिन हो गए हैं। यदि सरकार ने पहले निर्णय ले लिया होता तो शायद चीजें इस दशा में नहीं पहुंचतीं।”
लेकिन, जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री आजाद ने इस कदम का स्वागत किया।
उन्होंने कहा, “यह अच्छा है कि सरकार ने अंतत: हमारी मांग को स्वीकार किया। यह निश्चित रूप से स्थिति को शांत करने में मदद करेगा।”
आजाद ने कहा कि सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल यह दर्शाएगा कि भारत के सभी लोग अपने प्रतिनिधियों के जरिए कश्मीर के लोगों से मिल रहे हैं।
हालांकि, उन्होंने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि क्या यह प्रतिनिधिमंडल घाटी में हुर्रियत के नेताओं से भी मिलेगा।
उन्होंने कहा कि यह प्रतिनिधिमंडल में शामिल सदस्यों और केंद्र व राज्य सरकार पर निर्भर है कि वे तय करें कि प्रतिनिधिमंडल को किनसे मिलना चाहिए।
राज्य में जारी अशांति को खत्म करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल चार सितंबर को श्रीनगर जाएगा। घाटी में सुरक्षा बलों के साथ नौ जुलाई से शुरू हुई झड़पों में अब तक 70 लोगों की मौत हो चुकी है।