भोपाल -सूबे से सवा दो साल में 18 हजार से ज्यादा युवतियां लापता हो चुकी हैं। तमाम कोशिशों के बावजूद पुलिस इनका पता लगाने में अभी तक कामयाब नहीं हुई है। इस अवधि में मानव तस्करी, अपहरण और गुमशुदगी के 46 हजार 159 प्रकरण दर्ज किए गए थे। इनमें से 27 हजार 748 युवतियां बरामद हुई हैं। 4 हजार 313 आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया है।
गृहमंत्री बाबूलाल गौर ने दी जानकारी
रामनिवास रावत के सवाल के जबाव में यह लिखित जानकारी गृहमंत्री बाबूलाल गौर ने विधानसभा में दी। गृहमंत्री ने बताया कि एक जनवरी 2012 से 10 फरवरी 2014 तक 17 हजार 273 विवाहित, 19 हजार 147 अविवाहित और 16 हजार 172 अव्यस्क युवतियों की मानव तस्करी, अपहरण और गुमशुदगी के प्रकरण दर्ज किए थे। इन मामलों में तेजी से कार्रवाई करने के लिए एक जनवरी से 31 दिसंबर 2012 तक विशेष अभियान चलाया गया था।
2012 में 30 हजार 698 इंसान गुम हुए थे। इसमें से 19 हजार 142 को खोज लिया गया और 11 हजार 556 प्रकरण लंबित रहे। 2013 में एक अप्रैल से 30 जून तक विशेष अभियान चलाकर 5 हजार 532 गुम व्यक्तियों को खोजा गया। गुम होने वालों में 19 हजार 773 युवती और 10 हजार 925 युवक हैं।
भोपाल में मानव तस्करी के पांच मामले
विधानसभा में बताए गए आंकड़ों के मुताबिक भोपाल में मानव तस्करी के पांच मामले पुलिस में दर्ज हुए जिनमें से दो अव्यस्क और दो अविवाहित शामिल हैं तो इंदौर में मानव तस्करी के दो अविवाहित के मामले पुलिस में रिकॉर्ड किए गए। जबलपुर में दो तो ग्वालियर में छह मानव तस्करी के मामले सामने आए हैं। इसके अलावा भोपाल में अपहरण के 208 मामले हुए तो इंदौर 361 मामले दर्ज हुए हैं। इसी तरह जबलपुर में 162 तो ग्वालियर में अपहरण के 305 प्रकरण दर्ज हुए।