भोपाल, 8 अक्टूबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के राज्य सूचना आयुक्त ने सूचना का अधिकार के जरिए ससुराल पक्ष को परेशान करने वाले सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) की अपील को खारिज कर दिया है।
राज्य सूचना आयुक्त आत्मदीप ने आरटीआई अधिनियम के दुरुपयोग पर नाराजगी जताते हुए एक पुलिसकर्मी की अपील इस दलील के साथ नामंजूर कर दी कि चाही गई जानकारी आरटीआई अधिनियम की मूल भावना व उद्देश्य के विपरीत है।
सुनवाई में सामने आया कि छत्तीसगढ़ पुलिस के सहायक उपनिरीक्षक नितिन दीक्षित ने अपना वैवाहिक रिश्ता बिगड़ जाने पर सास व सालों के खिलाफ आरटीआई लगाकर उनकी व्यक्तिगत जानकारियां मांगना शुरू कर दिया। सास सुचेता शुक्ला, शासकीय उ़ मा़ वि़, ग्वालियर में व्याख्याता हैं। उनके दोनों बेटे रेल विभाग व सैनिक स्कूल में कर्यरत हैं। बेटों से संबंधित आरटीआई के प्रकरण लोक सूचना अधिकारियों, अपीलीय अधिकारियों व केन्द्रीय सूचना आयोग द्वारा निरस्त किए जा चुके हैं।
अपीलार्थी दीक्षित ने अपनी सास सुचेता शुक्ला से संबंधित पूरी जानकारी हासिल करने के लिए आयोग में अपील की। उसने मांग की, कि सुचेता शुक्ला के समस्त प्रकार के अवकाशों, उनकी उपस्थिति, मुख्यालय छोड़ने की अनुमति, उन्हें किस काम के लिए कब किस कार्यालय भेजा गया आदि से संबंधित सारी जानकारी दिलाई जाए।
आयुक्त आत्मदीप ने इसे कर्मचारी व उसके नियोक्ता के बीच का मसला बताते हुए फैसले में कहा कि आरटीआई अधिनियम में मौलिक अधिकार निहित हैं, जिसमें निजता का अधिकार शामिल है। किसी नागरिक को किसी संस्थान, व्यक्ति को अथवा उसके कामकाज को अनुचित ढंग से प्रभावित करने के लिए इस अधिनियम का उपयोग करने की छूट नहीं दी जा सकती।
यह अधिनियम सार्वजनिक क्रियाकलाप में शुचिता, पारदर्शिता एवं जबावदेही को बढ़ावा देकर सुशासन कायम करने तथा लोकतंत्र को स्वस्थ एवं सुदृढ़ बनाने के पवित्र उद्देश्य से लागू किया गया है। इसका इस्तेमाल किसी से वैमनस्यता निकालने के लिए, अनुचित ध्येय के लिए, किसी की निजता का हनन करने के लिए, किसी को तंग करने के लिए नहीं किया जा सकता है।
आयुक्त ने अपीलार्थी को चेतावनी दी कि वह आइंदा ऐसी वैधानिक त्रुटि न करे तथा सूचना के अधिकार का उपयोग जिम्मेदारी की भावना के साथ लोकहित में करें। साथ ही ध्यान रखें कि किसी से वैमनस्यता निकालने और निजी हित साधने के लिए आरटीआई अधिनियम के प्रावधान प्रयुक्त किया जाना अधिनियम की भावना एवं उद्देश्य के विपरीत है।