वाशिंगटन, 21 अक्टूबर (आईएएनएस)। सीरिया के लगभग 1300 पुरातात्विक महत्व की जगहों के उपग्रह से मिले चित्रों से पता चला है कि सीरिया की सांस्कृतिक धरोहरों की लूट और तबाही में अकेले आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) का ही हाथ नहीं है। अन्य संगठनों और ताकतों ने भी इस काम में भागीदारी की है।
इस लूट और तबाही में कुर्दिश पीपुल्स प्रोटेक्शन यूनिट्स (वाईपीजी), सरकार विरोधी सुरक्षा बलों के साथ ही खुद बशर अल-असद की सरकार भी शामिल है।
न्यू हैंपशायर स्थित डार्टमाउथ कॉलेज के एक अध्ययन से इस बात का खुलासा हुआ है।
अध्ययन से पता चला है कि ऐसी लूट दरअसल सबसे अधिक कुर्दो (वाईपीजी) और सरकार विरोधी समूहों के कब्जे वाले इलाके में हुई है। यहां जंग शुरू होने के बाद 26 फीसदी से अधिक ऐसी ऐतिहासिक जगहों पर लूटपाट की गई है।
आईएस के कब्जे वाले इलाके के 21.4 फीसदी ऐतिहासिक महत्व की जगहों को लूटा गया है। सीरिया सरकार के कब्जे वाले इलाके में ऐसी लूट का प्रतिशत 16.5 है।
मध्य पूर्व के पुरातत्व मामलों के विशेषज्ञ जेस्से कासाना ने कहा, “मीडिया का ज्यादा ध्यान आईएस द्वारा की गई तबाही की तरफ गया है। इसकी वजह आईएस द्वारा इन्हें ऑनलाइन पोस्ट करना है। इस वजह से यह भ्रम बड़े पैमाने पर फैला कि पुरातात्विक महत्व की जगहों को लूटने और ऐतिहासिक धरोहरों को तबाह करने का मुख्य दोषी आईएस है।”
उन्होंने कहा, “उपग्रह से लिए गए चित्रों पर आधारित हमारे शोध ने बताया है कि दरअसल लूट पूरे सीरिया में सामान्य बात हो गई है। और, यह भी पता चला कि सरकार की तरफ से सरकारी कब्जे वाले इलाकों और आईएस के कब्जे वाले इलाकों में लूट की खुली छूट दी गई।”
यह अध्ययन नियर ईस्टर्न आर्कियोलॉजी जरनल में प्रकाशित हुआ है।