नई दिल्ली, 9 अप्रैल (आईएएनएस)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को केंद्र सरकार से मुख्य सूचना आयुक्त तथा तीन सूचना आयुक्तों की शीघ्र नियुक्ति के लिए कहा। न्यायालय ने कहा कि चूंकि ये पद लगभग एक साल से खाली हैं, इसलिए वह इस मुद्दे को देखेगा।
मुख्य न्यायाधीश जी.रोहिणी तथा न्यायाधीश दीपा शर्मा की खंडपीठ ने कहा कि वह खुद इस मुद्दे को देखेंगे और इस मुद्दे पर प्रगति के बारे में 11 मई से पहले केंद्र सरकार से एक रिपोर्ट दाखिल करने को कहा। 11 मई को ही मामले की अगली सुनवाई होगी।
न्यायालय ने कहा कि वह मामले को आज (गुरुवार) ही खत्म नहीं करेगा, क्योंकि अगर एक बार ऐसा हुआ तो वे (सरकार) नियुक्ति कर भी सकते हैं और नहीं भी।
पीठ ने कहा, “अतीत के अनुभव बताते हैं कि इस मामले में जबतक न्यायालय ने दखलंदाजी नहीं की है, तबतक रिक्तियों को नहीं भरा गया।”
सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता (एएसजी) संजय जैन ने न्यायालय से कहा कि सरकार द्वारा इन रिक्तियों को भरने की प्रक्रिया जारी है और इस संबंध में पहले ही कदम उठाए गए हैं। नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी करने के लिए उन्होंने 12 सप्ताह का समय मांगा।
एएसजी ने न्यायालय से कहा, “उम्मीदवारों का चयन कर लिया गया है और चयनित उम्मीदवारों के लिए खुफिया ब्यूरो (आईबी) व केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के रिपोर्ट आवश्यक है। हम रिक्त पदों को शीघ्र भर रहे हैं और इसके लिए हमें 12 सप्ताह के समय की जरूरत है।”
न्यायालय आरटीआई कार्यकर्ताओं-आर.के.जैन, कोमोडोर (सेवानिवृत्त) लोकेश बत्रा व सुभाष चंद्र अग्रवाल द्वारा दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा था।