ओम्डर्मैन शहर में अपने सैकड़ों समर्थकों को संबोधित करते हुए अल-महदी ने कहा कि वह संघर्ष रोकने, शांति स्थापित करने व लोकतांत्रिक तरीके से परिवर्तन लाने के विशिष्ट लक्ष्यों को प्राप्त करने के उद्देश्य से लौटे हैं।
अल-महदी ने सूडान की सरकार से राजनीतिक बंदियों को रिहा करने का भी आग्रह किया।
उन्होंने सूडान पर लगे प्रतिबंधों में ढील देने के अमेरिका के हालिया फैसले की सराहना करते हुए कहा कि प्रतिबंधों के हटने के देश के नागरिकों को लाभ हुआ है।
एनयूपी नेता अल-महदी मिस्र में 30 महीने तक आत्म-निर्वासन में रहने के बाद गुरुवार को सूडान की राजधानी खार्तूम लौट आए।
अल-महदी को सूडान की रैपिड सपोर्ट फोर्सेस की आलोचना करने के कारण खार्तूम के कोबर संघीय जेल में एक माह तक रहना पड़ा। इसके बाद वह दो साल से भी अधिक समय पहले सूडान छोड़कर फ्रांस चले गए थे। अगस्त 2014 में सूडानी सैन्य समूहों के साथ पेरिस घोषणा-पत्र पर हस्ताक्षर करने के बाद वह काहिरा पहुंचे।