अफगानिस्तान टूर्नामेंट में अब तक अपराजित रहा है और सेमीफाइनल में श्रीलंका को 5-0 से रौंदते हुए उन्होंने फाइनल में प्रवेश किया।
इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि अफगानिस्तान टीम के 20 खिलाड़ियों में से 15 खिलाड़ी डेनमार्क, जर्मनी, अमेरिका, बहरीन और मलेशिया जैसे बेहतरीन देशों के लिए खेलते हैं।
फाइनल मैच की पूर्व संध्या पर कोंस्टैनटाइन ने कहा कि अफगानिस्तान को हराने के लिए मेजबान भारत को अपना सबकुछ दांव पर लगाना होगा।
उन्होंने कहा, “अफगानिस्तान टीम के 15 खिलाड़ी यूरोपीय देशों के क्लबों के लिए खेलते हैं और एशिया तथा यूरोप के खिलाड़ियों के खेल में भारी अंतर होता है। इसीलिए अफगानिस्तान फाइनल मैच में जीत का प्रबल हकदार है।”
कोंस्टैनटाइन ने कहा, “वास्तव में जब हम गुआम के हाथों हारे तो हमारी चारों ओर से यह कहकर आलोचना की गई कि हम एक ऐसे देश से कैसे हार सकते हैं, जिसकी कुल आबादी नौ लाख है। लेकिन किसी ने यह नहीं देखा कि गुआम की पूरी टीम अमेरिकी खिलाड़ियों से बनी थी।”
उन्होंने कहा, “लेकिन हम चूंकि घरेलू माहौल में खेलेंगे तो अपने प्रशंसकों से हमें भरपूर प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है, जिसका हमें लाभ मिल सकता है।”
ब्रिटिशवासी कोंस्टैनटाइन ने कहा कि अफगास्तिान के खिलाफ फाइनल मैच में भारत की रक्षापंक्ति को अपनी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा।
कोंस्टैनटाइन ने कहा, “अभी से यह कहना जल्दबाजी होगी कि मैच का परिणाम किसके कारण आएगा। यह मैदान के हर इलाके से आ सकता है। यह बेहद चुनौतीपूर्ण मैच होगा। अफगान टीम गोल करने में तेज है और हमें सावधान रहना होगा।”
मालदीव के खिलाफ सेमीफाइनल मैच में मध्यांतर के बाद भारतीय टीम के प्रदर्शन में आई गिरावट पर उन्होंने कहा, “फुटबाल में जब मैच का नियंत्रण आपके हाथ में आ जाए तो उसके बाद थोड़ा ढीला पड़ना स्वाभाविक है। यही सेमीफाइनल में हुआ। अगर फाइनल में भी ऐसा होता है तो हमें खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।”