नई दिल्ली, 4 अप्रैल (आईएएनएस)। यहां एक विशेष अदालत ने सोमवार को कांग्रेस नेता अजित जोगी के बेटे अमित जोगी और चार अन्य लोगों को 2003 में हुए एक स्टिंग ऑपरेशन मामले में बरी कर दिया।
इसी स्टिंग वीडियो में केंद्रीय मंत्री दिलीप सिंह जूदेव कथित रूप से एक होटल के कमरे में नगदी लेते हुए देखे गए थे।
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश रजनीश कुमार गुप्ता ने जूदेव के तत्कालीन निजी सचिव नटवर रातेरिया, पत्रकार भूपेंद्र सिंह पटेल उर्फ राहुल, अरविंद विजय मोहन और रजत प्रसाद को बरी कर दिया। अमित जोगी के वकील राहुल त्यागी ने आईएएनएस को यह जानकारी दी।
जूदेव के खिलाफ लगाए गए आरोप 15 अगस्त 2013 को उनकी मौत के बाद हटा दिए गए थे।
दिसंबर 2003 में जूदेव और अन्य पर छत्तीसगढ़ की एक खनन परियोजना में मदद उपलब्ध कराने के लिए घूस लेने का मामला दर्ज किया गया था। जूदेव उस वक्त केंद्रीय पर्यावरण एवं वन राज्य मंत्री थे।
जूदेव ने इस आरोप को गलत बताया था।
बाद में सीबीआई ने इस मामले में छत्तीसगढ़ के तत्कालीन मुख्यमंत्री अजित जोगी के बेटे अमित जोगी को राजनीतिक फायदा उठाने के लिए स्टिंग की साजिश रचने का आरोपी बनाया।
सीबीआई ने कहा कि राहुल, मोहन के संपर्क में था, जिसने पैसों के लेन-देन को छुप कर रिकार्ड करने का इंतजाम किया था।
इस मामले में दाखिल एफआईआर में कहा गया कि मोहन ने अजित जोगी और उनके बेटे अमित जोगी के नाम से पंजीकृत फोन नंबर पर कई बार बात की थी।
सीबीआई ने दावा किया कि पटेल के मोबाइल कॉल से पता चलता है कि वह मोहन के अलावा रजत प्रसाद से भी संपर्क में था जो एक स्थानीय मीडिया चैनल से जुड़ा था।
इन सभी पर भ्रष्टाचार निरोधी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था।